उल्लेखनीय है कि 20 मई की शाम को एक युवक कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हो गई। इसके बाद 21 मई की सुबह से इस क्षेत्र को जिला प्रशासन ने पूरी तरह से सील करते हुए कफ्र्यू लगा दिया। इसके बाद इस कॉलोनी में एक कोरोना पॉजिटिव रोगी नया मिल गया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने इस क्षेत्र में और ज्यादा सख्ती बढ़ा दी गई।
कब मिलेगी छूट–चावला कॉलोनी निवासी अमित मेहरा का कहना है कि दो माह पहले कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन चल रहा था। इसमें पूरी तरह से काम-धंधा बंद पड़ा था। इसके बाद लोगों का थोड़ी छूट मिली थी लेकिन अब फिर आठ दिन से इस क्षेत्र में कफ्र्यू लगा हुआ है। चावला कॉलोनी की रोगी के घर से दूरी है। इसके बावजूद लोगों को घरों में कैद कर रखा है।
दुकानदार दुकान से हटा देंगे?
इस कॉलोनी के कुछ लोग प्रतिदिन मजदूरी करते हैं,कुछ मिस्त्री,दुकान सहित अन्य छोटो-मोटा प्राइवेट जॉब करते हैं। चावला कॉलोनी के नीरज राणा कहते हैं कि पहले लॉकडाउन की वजह से घर में थे अब दुकान खुलने लगी तो कफ्र्यू लगाकर घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। अब काम पर नहीं जाने की वजह से दुकानदार हटा देंगे। फिर हम कहां पर काम करेंगे? बहुत ज्यादा दिक्कतें बढ़ती जा रही है। गरीब व मजबूर की कोई मजबूरी नहीं समझ रहा है।
सूखा राशन नहीं, रोटी से कैसे चलेगा काम
बह्म कॉलोनी व चालवा कॉलोनी में रेहड़ी, मजदूरी, रिक्शा आदि चलाने वाले लोगों के समक्ष संकट की स्थिति पैदा हो गई। इनके पास सूखा राशन नहीं है। पूर्व पार्षद सुरेंद्र स्वामी का कहना है कि जिला प्रशासन को कफ्र्यू में फंसे लोगों को सूखा राशन व आटा आदि का वितरण करना चाहिए। कुछ लोगों ने मदद की थी लेकिन वो पर्याप्त नहीं होने की वजह से गुरुद्वारा में राशन देकर अब वहां से सुबह व शाम लंगर की व्यवस्था करवाई जा रही है।