इससे आगे भी जैसे-जैसे यह निर्माण होगा तो वहां भी चहेते दुकानदारी करने वाले होटल या दुकानदारों, शो रूम संचालकों, बैंकों आदि भवनों के आगे भी डिवाइडर कट लगाने की संभावना है। ऐसे में डिवाइडर बनाने का औचित्य नहीं रह जाता है। न्यास प्रशासन ने इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने में लगे ठेकेदार से अब मनमर्जी का डिवाइडर बनाने के लिए कह दिया है। यह डिवाइडर महज आधा फीट ऊंचा बना जा रहा है, इसमें भी नींव खुदाई की बजाय औपचारिकता की गई है। किसी भी भारी वाहन के ऊपर से गुजरने से यह डिवाइडर उखड़ सकता है।
28 प्रतिशत टैक्स की सीधी बचत
सर्विस रोड के लिए सीसी सड़क बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन ठेकेदार को लाभान्वित करने के लिए न्यास अधिकारियों ने पूरा खेल रच लिया। इस ठेकेदार को सीसी सड़क की बजाय इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने के लिए राजी कर लिया। नियमानुसार सीसी सड़क बनाने पर ठेका फर्म को 28 प्रतिशत जीएसटी भुगतना पड़ता है, इस टैक्स को बचाने के लिए इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने की सलाह दी। इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने पर कोई टैक्स नहीं है, इसलिए ठेकेदार ने न्यास प्रशासन की सलाह मान ली। ज्ञात रहे कि नेशनल हाइवे के दोनों साइड में इस सर्विस रोड पर 66-66 लाख कुल एक करोड़ 32 लाख रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है।