साइबर क्राइम से लगातार लोगों से ठगी हो रही हैं। इससे निजात पाने के लिए श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर भी एक पुलिस थाना खोला जाएगा। इसमें ऑनलाइन या सोशल मीडिया के माध्यम से हुई ठगी के प्रकरण दर्ज किए जाएंगे। मोबाइल फोन पर फेंक कॉल कर ओटीपी या फर्जी विज्ञापन या प्रलोभन देकर बैँक खातों को साफ करना आदि मामले लगातार बढ़ रहे है।
अधिकांश प्रकरण तो पुलिस थाना नहीं होने के कारण दर्ज नहीं हो पाते। इसके अलावा अश्लील फोटो या वीडियो कॉलिंग के माध्यम से हैनीट्रेप के मामले भी होने लगे है। जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अब तक सिर्फ सेल गठित थी लेकिन इसके पास भी अधिकार नहीं था। इनकी जांच अब बेहतर तरीके से हो सकेगी।
पिछले आठ सालों में साइबर क्राइम के लगातार आंकड़े बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रेकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में वर्ष 2020 में राजस्थान में ऑनलाइन ठगी के 1354 प्रकरण दर्ज हुए थे। वहीं उत्तर प्रदेश में 11 हजार से अधिक प्रकरण दर्ज हुए थे।
साइबर क्राइम में कम्प्यूटर संबंधित अपराध, साइबर आतंक, निजता का हनन व निजी विवाद के चलते भी लोगों के साथ साइबर ठगी शामिल हैं। इसमें प्रैंक करना, रंजिश के चलते अपराध कारित हुए हैं।
कमिश्नरेट के साइबर थाने में अब तक लगभग 25 मामले दर्ज हुए हैं। एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2020 में राजस्थान में कम्प्यूटर संबंधित 316, पहचान चोरी के 96, निजता हनन के 12, साइबर आतंक के 3, निजी अश्लील वीडियो के 107, महिला व बच्चों के 12, ठगी के 332, क्रेडिट व डेबिट के 12, एटीएम के 117, ऑनलाइन बैंकिंग के 49, ओटीपी के 45, फैक प्रोफाइल के 5, साइबर ब्लैकमेलिंग के 26, सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाने के 7, जुआ खेलने के 3 मामले दर्ज हुए है। इसके अलावा निजी बदले के 22, गुस्से के 10, जबरन वसूली के 42 और प्रैंक के 11 मामले दर्ज किए गए हैं।