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डे बोर्डिंग केंद्र, जिले के बाहर के खिलाडिय़ों की रुचि नहीं

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 25, 2018 09:05:25 am

Submitted by:

pawan uppal

केंद्र में प्रतिवर्ष सोलह खिलाड़ी तैयार होते हैं लेकिन इनमें जिले के बाहर के खिलाड़ी इक्का दुक्का होते हैं।

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डे बोर्डिंग केंद्र, जिले के बाहर के खिलाडिय़ों की रुचि नहीं

श्रीगंगानगर.

जिला मुख्यालय पर राज्य सरकार ने राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए सत्र पर्यंत डे बोर्डिंग प्रशिक्षण केंद्र तो शुरू कर दिया लेकिन केंद्र के डे बोर्डिंग होने और जिला मुख्यालय पर खिलाडिय़ों के रहने, ठहरने आदि की सुविधा नहीं होने से इसमें जिले से बाहर के खिलाडिय़ों की रुचि नहीं है। केंद्र में प्रतिवर्ष सोलह खिलाड़ी तैयार होते हैं लेकिन इनमें जिले के बाहर के खिलाड़ी इक्का दुक्का होते हैं। ऐसे में स्थानीय अथवा जिले के गांवों कस्बों के खिलाडिय़ों को तो लाभ मिल जाता है लेकिन जिले के बाहर के खिलाड़ी इस केंद्र तक नहीं
पहुंच पाते।

बीस आयु वर्ग में मिलते हैं सोलह खिलाड़ी
केंद्र में 40 किलोग्राम भारवर्ग, 45, 50, 55, 60, 66, 73, 81, 90 और नब्बे से अधिक आयु वर्ग में सत्रह वर्ष आयु वर्ग और 19 वर्ष आयु वर्ग के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाना है। ऐसे में दस भार वर्ग में दोनों आयु वर्ग के बीस खिलाडिय़ों को केंद्र में तैयार हो सकते हैं लेकिन केंद्र में सोलह खिलाड़ी ही तैयार हो रहे हैं। इसमें नब्बे वर्ष से अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ी नहीं मिल पाने से सोलह खिलाड़ी ही तैयार किए जाते हैं।

जिले के बाहर के आठ ने दिया ट्रायल
सत्र पर्यंत जूडो प्रशिक्षण केंद्र के लिए ट्रायल मंगलवार को हुआ। इसमें 67 खिलाड़ी पहुंचे लेकिन अधिकांश स्थानीय अथवा जिले के थे। इनमें से भी जिले के बाहर के भी केवल आठ खिलाडिय़ों ने ही ट्रायल दिया। पिछले वर्ष भी जिले के बाहर के खिलाडिय़ों की संख्या यहां कम रही है। मंगलवार को ट्रायल की तमाम व्यवस्थाओं को पर्यवेक्षक अजमेर जिले के केकड़ी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के व्याख्याता विरदीचंद वैष्णव, बुर्जवाला के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के डॉ.शेरसिंह, जोधेवाला के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के जूडो कोच जसविंद्र सिंह तथा उप जिला शिक्षा अधिकारी (क्रीड़ा) कार्यालय के प्रभारी नवदीप शर्मा ने अंतिम रूप दिया।
केवल डाइट के लिए मिलते हैं रुपए

इस केंद्र पर चयनित खिलाड़ी प्रशिक्षण तो ले सकता है लेकिन उसे यहां ठहरने, भोजन आदि की तमाम व्यवस्थाएं खुद के स्तर पर करनी होगी। राज्य सरकार की ओर से चयनित खिलाड़ी को डाइट के लिए कुछ रुपए अवश्य दिए जाते हैं। इसमें स्थानीय खिलाड़ी को 250 रुपए प्रतिमाह, स्थानीय लेकिन राष्ट्रीय खिलाड़ी को 500 रुपए प्रतिमाह, जिले के खिलाड़ी को एक हजार रुपए प्रतिमाह तथा जिले के बाहर के खिलाड़ी को 1250 रुपए प्रतिमाह डाइट के लिए देने का प्रावधान है। इस राशि में खिलाड़ी डाइट तो ले सकता है लेकिन जिले के बाहर का खिलाड़ी होने की स्थिति में भोजन आदि की व्यवस्था नहीं कर पाता है। ऐसे में जिले से बाहर के खिलाड़ी ट्रायल के लिए ही बहुत कम पहुंचते हैं।
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