टिड्डियों के लिए दिनभर कीटनाशी की ‘बारिशÓ
श्री गंगानगरPublished: Jan 29, 2020 01:53:24 am
श्रीकरणपुर. गांव अरायण व 54 एफ में आई टिड्डियों से निबटने के लिए मंगलवार को बरसात के बावजूद दिनभर वहां कीटनाशी का छिड़काव किया गया।
टिड्डियों के लिए दिनभर कीटनाशी की ‘बारिशÓ
श्रीकरणपुर. गांव अरायण व 54 एफ में आई टिड्डियों से निबटने के लिए मंगलवार को बरसात के बावजूद दिनभर वहां कीटनाशी का छिड़काव किया गया। गांव 54 एफ में तो शाम सात बजे भी कीटनाशी का छिड़काव जारी था। कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ.राजपाल झाझडिय़ा ने बताया कि एक दिन पहले सीमा पार से आई असंख्य टिड्डियों ने गांव अरायण व 54 एफ में डेरा जमा लिया। सूचना मिलने पर मंगलवार सुबह ही दोनों गांवों के आसपास एरिया में कीटनाशी का छिड़काव शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि इससे काफी संख्या में टिड्डियां बेसुध होकर जमीन पर आ गिरी। डॉ.झाझडिय़ा ने बताया कि सीमा पार से आ रही टिड्डियों पर अंकुश लगाने के लिए यह कीटनाशी छिड़काव ऑपरेशन बुधवार को भी जारी रहेगा।
निरीक्षण करने चंडीगढ़ से आई टीम
लालगढ़ जाटान. क्षेत्र में टिड्डी दल के हमले से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरे खींच गई हैं। टिड्डियों का दल खेतों में खड़ी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहा था। सोमवार रात निरीक्षण करने के बाद क्षेत्र के 19, 20, 21 एसडीएस नहर सहित आस पास टिड्डी दल ने डेरा लगा रखा है। शीतलहर व बादलवाही से टिड्डी दल पड़ाव स्थल पर बैठा है। इस प्रकार से प्रशासन को समय अधिक मिलने पर टिड्डी दलों पर संयुक्त रूप से दवा का छिड़काव करना शुरू कर दिया। सहायक निदेशक महावीर छींपा टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दवा का छिड़काव किया। सोमवार रात और मंगलवार अलसुबह कृषि विभाग कि टीम ने टिड्डियों का खात्मा करने के लिए फायर ब्रिगेड की मदद से कीटनाशी छिड़का। कीटनाशी छिड़काव से मौके पर ही भारी मात्रा में मृत टिड्डियों के ढेर लग गए। टीम का दावा है कि 80 फीसदी टिड्डी कीटनाशी छिड़काव से खत्म हो गई। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसके बाद जयपुर से सयुक्त निदेशक सन्धु तथा उप निदेशक गुगनराम मटोरिया, आनंद स्वरूप छींपा पहुंचे और मरी हुई टिड्डीयों का निरक्षण किया। साथ ही चंडीगढ़ से कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम ने इतनी भारी संख्या में मरी हुई टिड्डियों को देखकर विभाग के प्रयासों की सराहना की। दवा के छिड़काव के दौरान सहायक निदेशक महावीर छींपा, कृषि पर्यवेक्षक रामकुमार बिशनोई, सुभाष नैण, सुनील थोरी, ओमप्रकाश आदि ने सहयोग किया।