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दस गोवंश की मौत, ग्रामीण बोले मुख्यमंत्री के स्वागत समारोह के भोज की जूठन खाकर बीमार हुए पशु

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 10, 2018 11:06:34 am

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jainarayan purohit

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दस गोवंश की मौत, ग्रामीण बोले मुख्यमंत्री के स्वागत समारोह के भोज की जूठन खाकर बीमार हुए पशु

श्रीगंगानगर.

निकटवर्ती गांव नाथांवाला में शनिवार को दस निराश्रित गोवंश की मौत हो गई। ग्रामीणों ने गोवंश की मौत की वजह शुक्रवार को मुख्यमंत्री के स्वागत समारोह में रखे गए भोज की जूठन को बताया है। गोवंश की मौत की सूचना पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृत गोवंश का पोस्टमार्टम करवा कर उन्हें दफना दिया।
स्वागत समारोह वाली जगह के आसपास अभी भी तीन-चार गोवंश मरणासन्न हालत में पड़े हैं। पशु चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं। लेकिन उनकी हालत देखते हुए बचने के आसार कम हैं। नाथांवाली में शुक्रवार को भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्रहलाद टाक ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का स्वागत समारोह रखा था। इसमें आए लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। बताया जाता है कि भोजन की जिम्मेदारी जिसे सौंपी गई थी उसके कारिंदे बची हुई रोटियां, सब्जी और अन्य खाद्य सामग्री वहीं डालकर चले गए।
यह खाद्य सामग्री बाद में गांव के निराश्रित गोवंश का निवाला बन गई। शनिवार सुबह स्वागत समारोह स्थल के आसपास आठ गोधे और दो गाय मरी देख गांव के लोग इक_े हो गए। सरपंच प्रतिनिधि जगदीश चंद्र की सूचना पर सदर थाना से पुलिस मौके पर पहुंची। मामला गोवंश की संदिग्ध मौत का था। एेसे में पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सकों को भी बुलाया गया। स्वागत समारोह स्थल के आसपास मरणासन्न हालत में पड़े तीन-चार गोवंश का उपचार भी ग्रामीणों ने शुरू करवाया। पोस्टमार्टम की कार्रवाई शाम तक चली। उसके बाद ग्रामीणों ने एक्सक्वेटर मशीन से गहरा गड्ढ़ा खुदवा कर मृत गोवंश को उसमें दफना दिया।

प्लास्टिक के साथ खाद्यान्न
पोस्टमार्टम करने वाली टीम के प्रभारी पशु चिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र यादव ने ‘पत्रिका’ को बताया कि मृत गोवंश के पेट से प्लास्टिक के अलावा रोटी और अन्य खाद्य सामग्री के अंश मिले हैं। डॉ.यादव का कहना था कि रोटी आदि ज्यादा खाने से पशुओं की मौत हो जाती है, लेकिन नाथांवाला में मरे गोवंश के पेट से खाद्य सामग्री से ज्यादा प्लास्टिक का कचरा मिला है।

ग्रामीणों का कहना है
ग्रामीण कैलाश नाथ ने बताया कि मरने वाले गोवंश स्वागत समारोह के भोज की जूठन खाई, जिसमें रोटी के अलावा चने की सब्जी भी थी। भूख की वजह से गोवंश ज्यादा जूठन खा गया और बाद में उन्हें पीने के लिए पानी नहीं मिला। इससे पेट में पहुंची खाद्य सामग्री जहर बनकर गोवंश की मौत का कारण बन गई।
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