पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग
श्री गंगानगरPublished: Jan 16, 2022 01:56:25 am
श्रीकरणपुर (श्रीगंगानगर). एनपीएस कानून के लागू होने की तिथि की वर्षगांठ पर कर्मचारी विरोधी आदेशों की प्रतियां सीबीइओ कार्यालय में जलाकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस अवसर पर नर्सेज एसोसिएशन के संयोजक शिवकुमार के नेतृत्व में नर्सिंग कर्मचारी सरदूल सिंह अध्यापक के नेतृत्व में शिक्षक तथा रमेश कुमार के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी प्रबोधकों की ओर से सुखजीत कौर के नेतृत्व में कर्मचारी ने प्रतियों का दहन किया।
पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग
श्रीकरणपुर (श्रीगंगानगर). एनपीएस कानून के लागू होने की तिथि की वर्षगांठ पर कर्मचारी विरोधी आदेशों की प्रतियां सीबीइओ कार्यालय में जलाकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस अवसर पर नर्सेज एसोसिएशन के संयोजक शिवकुमार के नेतृत्व में नर्सिंग कर्मचारी सरदूल सिंह अध्यापक के नेतृत्व में शिक्षक तथा रमेश कुमार के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी प्रबोधकों की ओर से सुखजीत कौर के नेतृत्व में कर्मचारी ने प्रतियों का दहन किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए प्रिंसिपल हरपाल सिंह ने पुरानी पेंशन तथा नई पेंशन के गुण दोष समझाएं। प्रिंसिपल सुंतर राम, पवन तिवाड़ी, जसदेव सिंह आदि ने कर्मचारियों की एकता व सफलता के लिए चर्चाएं की। सभा को संबोधित करते हुए सरदूल सिंह प्रांतीय उपाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने कहा कि वैश्वीकरण की नीतियों के चलते यह कानून देश के समस्त कर्मचारियों पर लागू किए गए जोकि कर्मचारी विरोधी हैं इसी के अंतर्गत ही पेंशन रोकी गई तथा संविदा भर्ती लागू की गई जो कि कर्मचारियों को सारी उम्र स्थाई रोजगार की आशा में बेहद काम करने पर मजबूर करता है इसी कानून के अंतर्गत विभिन्न विभागों के पदों को या तो तोड़ा गया या उन पदों को खाली रखा गया नई भर्ती बंद की गई आज हम देखते हैं कि प्रत्येक विभाग के अंदर लाखों पद खाली हैं नए पद खोलें नहीं जा रहे तथा नई भर्ती भी बंद कर रखी है जिससे काम में लगे लोग काम के बोझ से पीड़ित हैं तथा भर्ती के इंतजार में लाखों युवा अपने भविष्य के उज्जवल होने के इंतजार में बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे हैं इसलिए कर्मचारियों को संयुक्त रूप में अपने अधिकारों के लिए लडऩा चाहिए। शिवकुमार ने डॉक्टर जगतार के गीत के साथ कार्यक्रम को और भी रोचक तथा उत्साह वर्धक बनाया।