scriptउत्तरी भारत सहित उडि़सा व पश्चिम बंगाल में बढ़ी मीठी व सुर्ख गंगानगरी गाजर की मांग | Demand for sweet and ruddy Ganganagari carrots increased in Odisha and | Patrika News

उत्तरी भारत सहित उडि़सा व पश्चिम बंगाल में बढ़ी मीठी व सुर्ख गंगानगरी गाजर की मांग

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 18, 2020 12:49:48 am

Submitted by:

Raj Singh

साधुवाली गांव में नहर किनारे धुलाई के लिए आ रही 6 हजार बोरी गाजर
 

उत्तरी भारत सहित उडि़सा व पश्चिम बंगाल में बढ़ी मीठी व सुर्ख गंगानगरी गाजर की मांग

उत्तरी भारत सहित उडि़सा व पश्चिम बंगाल में बढ़ी मीठी व सुर्ख गंगानगरी गाजर की मांग

श्रीगंगानगर. मीठी व सुर्ख लाल गंगानगरी गाजर की मांग ज्यूस, हलवा व खाने के लिए उत्तरी भारत व उडि़सा सति पश्चिम बंगाल तक बढ़ जाती है। इन दिनों यहां के व्यापारी गंगानगरी गाजर की मांग करने लगते हैं। जो सबसे ज्यादा ज्यूस निकालने के काम आती है। यहां से ट्रकों में भरकर यह गाजर इन प्रदेशों में भेजी जा रही है।
शहर के समीप साधुवाली गांव के आसपास करीब बीस से पच्चीस किलोमीटर के इलाके में नहर के दोनों किनारों व माइनर क्षेत्र में भारी मात्रा में गाजर बोई जाती है। यहां गाजर नवंबर में आना शुरू होती है और पंद्रह मार्च तक आवक बनी रहती है।
गाजर धुलाई के लिए गंगनहर के दोनों किनारों पर करीब सौ से अधिक मशीनें लगी हुई है। किसान यहां ट्रेक्टर-ट्रॉलियो में गाजर भरकर लाते हैं और धुलाई करवाकर कट्टों में पैक कर देते हैं। यहां ट्रकों के जरिए अन्य जिलों व प्रदेशों में भेजी जाती है। इन दिनों नहर पर प्रतिदिन छह हजार बोरी गाजर की आवक हो रही है।
इन प्रदेशों में होती है गाजर की खपत

– साधुवाली गांव में नहर किनारे से जाने वाली गाजर को जिले के बाहर के मार्केट में गंगानगरी गाजर के नाम से जाना जाता है। यह गाजर सुर्ख लाल व मीठी होती है। सब्जी उत्पादक किसान संघ के अध्यक्ष अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि यहां से गाजर जिले के अलावा पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल व उडिसा तक जाती है।
गाजर ठंडे इलाके के व्यापारी ही मंगाते हैं। गुजरात व महाराष्ट्र में यह गाजर वहां का तापमान अधिक होने के कारण नहीं जा सकती है। इसके रास्ते में खराब होने की आशंका रहती है।
गाजर कम, भाव ज्यादा

– किसानों व संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बार इलाके में गाजर की बिजाई 30 से 40 प्रतिशत कम हुई है। इसके चलते भाव पिछले साल की तुलना में बढ़े हुए हैं। यहां गाजर के थोक के भाव 12 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम चल रहे हैं। जबकि पिछले साल भाव तीस से चालीस प्रतिशत कम थे।
वाशिंग यार्ड बनाने की मांग

– सब्जी उत्पादक किसान संघ ने प्रशासन से साधुवाली में नहर किनारे खाली पड़ी सिंचाई विभाग की जमीन पर वाशिंग यार्ड बनाए जाने की मांग की है। जिससे गाजरों का यहां से ट्रांसपोर्टशन हो सके। किसानों की ओर से यह मांग लंबे समय से चली जा रही है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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