उल्लेखनीय है कि रविवार शाम को पदमपुर नई धानमंडी में बिना पुलिस व प्रशासनिक अनुमति के ट्रेक्टर टोचन मुकाबला चल रहा था। इस दौरान वहां हजारों की संख्या में लोग जमा थे। सैंकड़ों लोग मंडी की टीनशेड पर चढ़ गए। लोगों के वजन के कारण टीनशेड ढह गया। हादसे में करीब 35 लोगों को चोटें आई और 21 जनों को पदमपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां छह जनों को श्रीगंगानगर के राजकीय चिकित्सालय में भेज दिया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। वहीं पदमपुर में भर्ती सभी घायल छुट्टी लेकर चले गए। इस मामले की जांच जिला कलक्टर ने एडीएम प्रशासन को सौंपी है।
मंडी सचिव की ओर से थाने में आयोजक दिलबाग सिंह के खिलाफ संपति को नुकसान पहुंचाने व प्रशासन से बिना अनुमति के कार्यक्रम करने का मामला दर्ज कराया है। इस घटनाक्रम को लेकर मंडी सचिव पवन भास्कार को सोमवार शाम को निलंबित कर दिया गया। मंडी सचिव के निलंबन का सोमवार शाम को वहां के मजदूर संगठनों ने विरोध किया था। मंगलवार सुबह भी मजदूर संगठनों के लोग वहां जमा हो गए और जमकर प्रदर्शन किया। मजदूरों ने मंडी गेट को बंद कर दिया। मजदूर वहां धरने पर बैठ गए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इन लोगों की मांग की है कि मंडी सचिव को बहाल किया जाए। इसके बाद ही आंदोलन समाप्त किया जाएगा। मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात है।
इनका कहना है
– मंडी सचिव को बहाल करने की मांग को लेकर मजदूरों की ओर से सचिव कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात है। सचिव की ओर से कराए गए मुकदमें में घायलों के बयान लिए जा रहे हैं। बयानों के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
रामेश्वरलाल, थाना प्रभारी पदमपुर।