संगठन के प्रदेश वरिष्ठ रविंद्र शर्मा ने बताया कि एक जरवरी 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना एनपीएस लागू की गई है। यह पेंशन योजना न होकर एक म्यूचल फंड योजना है। इसमें जमा किए गए अंशदान के प्रतिफल की कोई गारंटी नहीं है। यह पूर्णतया शेयर मार्केट पर आधारित है।
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ (रेस्टा)के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह चौहान ने कहा कि नई अंशदायी पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित होने के कारण राज्य कर्मचारी-अधिकारी को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वृद्धावस्था में आर्थिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के अनुकूल नहीं है। साथ ही इस योजना में न्यूनतम पेंशन की भी कोई गारंटी नहीं है। एनपीएसमें जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें महज 800 रुपए से 1200 रुपए तक पेंशन के प्रकरण सामने आए हैं। जिससे एनपीएस के खिलाफ रोष है और कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।
इस मौके पर हुई सभा को जिला संयोजक राहुल मोयल,राजेंद्र कुमार,भैरुदान राठौड़़,मंजू चौहान,सुमित्रा भाटी, मनदीप कौर,प्रेमसुख पंवार, अध्यापिका स्वाति आहुजा,नर्सिंग ट्यूटर डिपंल यादव,फार्मासिस्ट गुलशन छाबड़ा,नर्सिंग कर्मचारी नेता रामकुमार सिहाग,श्याम गोस्वामी,कर्मचारी नेता अभिमन्यु भदौरिया, सुरेंद्र टोकसिया,जसकरण सिंह बराड़ आदि ने संबोधित किया।