परिजन व नागरिक तीन सूत्री मांगों पर अड़े रहे। इसमें जिला अस्पताल के पीएमओ का इस्तीफा, नर्सिंग कर्मी को गिरफ्तार व मृतका के बच्चों को दस लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग करने लगे। परिजनों ने पहले जंक्शन तिलक सर्किल पर शव के साथ सड़क जाम की। प्रशासन से दो बार वार्ता विफल होने के पश्चात सभी नागरिक शव लेकर जंक्शन ओवरब्रिज पहुंचे। यहां राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रास्ता जाम किया। मामला बढऩे पर यातायात पुलिस कर्मियों ने आनन- फानन में वाहनों के लिए रूट डायवर्ट किया। करीब चार घंटे के बाद प्रशासन से मिले आश्वासन के बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए।
वार्ता में राजेन्द्र चौधरी ने मंत्री की ओर से मृतका के तीनों बच्चों को 51-51 हजार रुपए, जिला प्रशासन की तरफ एक से पांच लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेने के लिए फाइल भेजने आदि पर सहमति जताई गई। इसके अलावा पूज्य जिला सिंधी पंचायत से 25 हजार रुपए व पांच सौ रुपए प्रतिमाह परिजनों को पेंशन व आपदा प्रबंधन के जिला प्रशासन की तरफ से दस हजार रुपए देने की घोषणा की गई।
इसके बाद परिजन और प्रदर्शनकारी माने। तब जाकर परिजनों ने मृतका का संस्कार जंक्शन गांधीनगर कल्याण भूमि में किया। गौरतलब है कि जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती ह्रदय रोग से पीडि़त महिला से 22 जून की रात दुराचार का प्रयास किया गया। आईसीयू इंचार्ज आनंदप्रकाश पूनिया ने रोगी की माता तथा ड्यूटी नर्स को बाहर भेजकर रोगी का चेकअप करने की बात कही। लेकिन काफी समय तक जब वह आईसीयू कक्ष से बाहर नहीं निकला तो रोगी की माता जबरन अंदर चली गई। भीतर का दृश्य देख वह हिल गई। रोगी के परिजनों ने अन्य चिकित्सा कर्मियों से शिकायत की। फिर चिकित्सा कर्मियों ने ड्यूटी डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी।
अस्पताल प्रबंधन ने मेल नर्स पूनिया के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय मामले की लीपापोती शुरू कर दी। फिर 25 जून को महिला को बीकानेर रेफर कर दिया गया। परिजन वहां इलाज में व्यस्त हो गए। इस संबंध में पीएमओ से मौखिक शिकायत भी की गई। इसके बाद पांच जुलाई को आनंदप्रकाश पूनिया को आईसीयू इंचार्ज के पद से हटा दिया गया। यह मामला छह जुलाई को सूर्खियों में छाया रहा। इसके बाद शहर के विभिन्न संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की। तब जाकर छह जुलाई को दोपहर बाद आरोपित पूनिया के निलंबन का आदेश जारी हुआ। धरना-प्रदर्शन के दौरान सौरभ राठौड़, नारायण नायक, विजय पेशवानी, सुमन चावला, माकपा सचिव रघुवीर वर्मा, खेमचंद, खुशी अमलानी, दीपक कुक्कड़, विकास शर्मा मौजूद रहे।
महिला थाने में मामला दर्ज
मृतका की मां ने जिला अस्पताल में आईसीयू में उसकी बेटी के साथ हुए बलात्कार के प्रयास की पूरी घटना का विवरण दिया। एफआईआर में बताया कि मां ने उक्त घटना के बारे में एक महिला नर्स को भी बताया था। लेकिन नर्सिंगकर्मी आनंद प्रकाश व महिला नर्स आकर धमकाने लगे। मृतका की मां की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया।