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श्रीगंगानगर में सवा चार करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ताले में बंद सुविधा

locationश्री गंगानगरPublished: Mar 23, 2019 09:30:39 pm

Submitted by:

surender ojha

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Despite spending Rs.4 crores in Sriganganagar, closed lock facility

श्रीगंगानगर में सवा चार करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ताले में बंद सुविधा

श्रीगंगानगर। शहर में सार्वजनिक शौचालय अब सिर्फ शो पीस बनकर रह गए है। नगर परिषद प्रशासन ने पार्षदों की मांग पर, स्वस्थ भारत मिशन की गाइड लाइन और विधायक कोटे में करीब सवा चार करोड रुपए का बजट खर्च कर शहर के बारह स्थानों पर ऐसे शौचालयों का निर्माण करवाया था लेकिन वहां सफाई व्यवस्था की देखभाल नहीं करने पर गंदगी इतनी होने लगी तो संबंधित इलाके के सफाई निरीक्षकों ने ताले लगवा दिए।
अब तक यह सुविधा ताले में नजर आती है। दो महीने पहले शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने जब इन सार्वजनिक शौचालयों की हालत देखी तो नाराजगी जताई थी, तब स्वच्छ भारत मिशन के नगर परिषद के तत्कालीन प्रभारी जुबेर खान ने प्रत्येक शौचालय पर दो दो सफाई कर्मियों की डयूटियंा लगाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को पाबंद किया था लेकिन इस अधिकारी ने सफाई कर्मियों की कमी का हवाला देते हुए इन सार्वजनिक शौचालयों में अब तक सफाई कार्मिको की डयूटियां नहीं लगाई है।
जिन चार स्थानों पर अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बने इन शौचालयों की सफाई की जिम्म्मेदारी के लिए कार्मिक लगाए गए वे इनकी सफाई की बजाय नदारद रहते है। ऐसे में संबंधित इलाके के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन शौचालयों पर ताला लगाना उचित समझा। इन निरीक्षकों का कहना है कि रख रखाव के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है, ऐसे में वहां नशेड़ी टूंटी तक उखाडकऱ ले जाते है। ऐसे में ताले लगाने से चोरी की वारदात से बचा जा सकता है।
स्वस्थ भारत मिशन के तहत नगर परिषद को सार्वजनिक शौचालय निर्माण कराने के लिए करीब सवा करोड रुपए से अधिक का बजट मिला था, ऐसे में नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों ने अपने चेहते ठेका फर्मो को यह निर्माण कार्य ठेके पर दिया। ठेकेदारों ने निर्माण कार्य करने के बाद जैसे भुगतान उठाया तो इन शौचालयों के उद्घाटन पर सभापति, आयुक्त, संबंधित कनिष्ठ अभियंता और पार्षदों ने फोटो खिंचवा कर वाह वाही बटोरी। लेकिन इसके बाद इन शौचालयों को जनता के लिए इस्तेमाल करने की बजाय वहां लगी टूंटियो के रखरखाव करने के लिए ताले लगवा दिए। ऐसे में इन शौचालयों का निर्माण जन उपयोगी साबित नही हुआ।
तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के राज्य के बजट में शहर के प्रत्येक मुख्यालय पर पांच पांच वातानुकूलित आधुनिक शौचालय निर्माण की घोषणा की थी, इस घोषणा के अनुरुप नगर परिषद को ढाई करोड रुपए का बजट मिला। इस संबंध में शहर के पांच स्थानों पर ऐसे शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है।
इसमें इंदिरा वाटिका, नगर परिषद परिसर, केन्द्रीय बस स्टैण्ड, वार्ड 44 और पुरानी आबादी में यह निर्माण चल रहा है। इंदिरा वाटिका और केन्द्रीय बस स्टैण्ड में पहले से ही वहां सार्वजनिक शौचालय बने हुए थे। बस स्टैण्ड पर तो सुलभ कॉम्पलैक्स के दो शौचालय भी संचालित हो रहे है। इसके बावजूद बजट को खपाने के लिए नगर परिषद के अधिकारियों ने निर्माण की अनुमति दे दी।
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