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एक करोड़ 32 लाख रुपए खर्च के बावजूद सुविधा नहीं, भारी वाहनों की शरण स्थली बनी सर्विस रोड

locationश्री गंगानगरPublished: Apr 22, 2019 06:46:33 pm

Submitted by:

surender ojha

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Despite the expenditure of Rs.1.13 crore, the facility of heavy vehicl

एक करोड़ 32 लाख रुपए खर्च के बावजूद सुविधा नहीं, भारी वाहनों की शरण स्थली बनी सर्विस रोड

श्रीगंगानगर। करीब एक साल पहले सूरतगढ़ रोड पर शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक सडक़ के दोनों साइडों में सर्विस रोड निर्माण के नाम पर एक करोड़ 32 लाख रुपए का बजट खर्च कर राहगीरों की सुविधा देने का दावा किया गया लेकिन वहां अब राहगीरों की आवाजाही की बजाय भारी वाहनों के अनाधिकृत पार्किग स्थल बन गया है। कई वाहन चालकों ने टैक्सी यूनियन बनाकर अलग अलग दो स्टैण्ड भी स्वयं घोषित कर दिए है। संडे मार्केट के नाम पर वहां पुराने दुपहिया वाहनों की बिक्री भी होने लगी है।
लेकिन राहगीरों के लिए सर्विस रोड का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। ठेकेदार ने इंटरलोकिंग टाइल्स के नाम पर खानापूर्ति की, दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे लगने वाली वाहनों से निजात पाने के लिए सर्विस रोड और नेशनल हाइवे के बीच छोटे से डिवाइडर बनवा दिए, इस कारण सूरतगढ़ रोड पर चलने वाले वाहन इस सर्विस रोड पर नहीं आ सकते। इलाके में सबसे व्यस्तम कही जाने वाले इस रोड पर बनवाई गई यह सर्विस रोड जिला प्रशासन और नगर विकास न्यास की लापरवाही की हकीकत बयां कर रही है।
यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष ने पिछले साल मार्च में इसका बकायदा उद्घाटन एक कार्यक्रम के माध्यम से करवाया था, तब यह दावा किया गया था कि यह सर्विस रोड इलाके में यातायात व्यवस्था का रॉल मॉडल बनेगी। लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष की मनमर्जी के आगे तब न्यास के अधिकारी नतमस्तक हो गए थे।
यहां तक कि सर्विस रोड और सूरतगढ़ रोड के बीच डिवाइडर पर लोहे की जाली बनाने का प्रस्ताव चंद दुकानदारों की मांग पर वापस कर लिया था। नियम कायदों का टांगा खूंटी पर न्यास के जिम्मेदारों के कहने पर ठेके की अनुबंध में तय किए गए लोहे की जाली स्थापित करने की बाध्यता को हटा दिया गया है।
नेशनल हाइवे के दोनों साइडों में इस सर्विस रोड पर 66-66 लाख कुल एक करोड़ 32 लाख रुपए बजट खर्च किया जा रहा है।पहले यह दावा किया जा रहा था कि चार फीट ऊंची लोहे की जाली स्थापित करने से नेशनल हाइवे से गुजरने वाले वाहन सर्विस रोड की ओर से नहीं आ सकेंगे।
इससे सर्विस रोड पर संबंधित राहगीरों को यह सुविधा रहेगी लेकिन सर्विस रोड के दोनेां साइडों में दुकानदारों की दुकानदारी प्रभावित होने पर यह जाली सिस्टम को ही हटा दिया है। इन दुकानदारों ने पिछले महीने अपना विरोध दर्ज कराया था, इस पर न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष ने अपना यू टर्न लेते हुए इस महत्वकांशी प्रोजेक्ट में एकाएक बदलाव करने का आश्वासन दे दिया।
इन दुकानदारों के प्रभाव में आकर अब महज आधा फीट का डिवाइडर बनाया जा रहा है ताकि जब भी कोई वाहन नेशनल हाइवे से सर्विस रोड पर आए तो उसे असुविधा नहीं हो।
इस रोड का विस्तार करने की मंशा करने का यह दावा दिया गया कि इस रोड के आसपास भवन निर्माण सामग्री दुकानदारों ने बजरी, ग्रिट, रेता आदि सामान बेतरकीब बिखरे कर राहगीरों को अधिक परेशान कर रखा है।
जिला प्रशासन के कागजी आदेश की पालना कराने के लिए यूआईटी के अधिकारी छह महीने में एक दिन वहां दुकानदारेां को हिदायत देकर वापस लौट आते है। ऐसे में सर्विस रोड निर्माण के दौरान भी सडक़ किनारे पेड़ वन विभाग की मंजूरी नहीं मिलने की बात कहकर शिफ्ट तक नहीं किए गए। यहां तक भारी वाहनों के खड़े करने की छूट तक दे डाली है।
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