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पंचायतों में तालाबंदी जैसे हालात विकास कार्यों पर लगा ब्रेक

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 15, 2018 11:14:34 am

Submitted by:

Rajaender pal nikka

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पंचायतों में तालाबंदी जैसे हालात विकास कार्यों पर लगा ब्रेक

श्रीगंगानगर.

विभिन्न मांगों को लेकर जिले में पंचायतों में अब तालाबंदी जैसी स्थिति हो गई है। अधिकांश पंचायत समिति क्षेत्रों में विकास कार्यों पर एकाएक बे्रक लग गया है।
पंचायती राज सेवा परिषद की ओर से इस प्रदेशव्यापी आंदोलन का असर ग्रामीणों पर अधिक देखने को मिल रहा है। परिषद के आह्वान पर जिले के पंचायत समिति के ५ विकास अधिकारियों, २६० ग्राम विकास अधिकारियों और ५२ पंचायत प्रसार अधिकारियों के सामूहिक अवकाश के बाद धरने पर बैठने से हालात बिगडऩे लगे हैं।
जिले की श्रीगंगानगर, सादुलशहर, श्रीकरणपुर, श्रीबिजयनगर, घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, सूरतगढ़ और पदमपुर पंचायत समिति मुख्यालय पर ग्राम विकास अधिकारियों, विकास अधिकारियों और पंचायत प्रसार अधिकारियों ने संयुक्त रूप से धरना पिछले तीन दिन से शुरू कर रखा है। शुक्रवार को तीसरे दिन भी राज्य सरकार ने इन आंदोलनरत अधिकारियों से वार्ता करने के लिए कोई पहल शुरू नहीं की है। एेसे में ग्रामीण स्तर पर विकास कार्य कराने की मंशा पर पानी फिरने लगा है।
पात्र ग्रामीण अब चक्कर काटने को मजबूर
सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण पंचायतों में विभिन्न प्रकार के कार्य प्रभावित हो रहे है। ग्राम स्तर के कार्य को करवाने के लिए ग्रामीणों को पंचायत कार्यालय बंद मिलने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। साथ ही सरकारी योजनाओं समेत कई कार्य सरकार के भी लंबित हैं।
इसमें जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन कार्य, निर्माण कार्य, तकनीकी और प्रशासनिक वितीय कार्य, पट्टा बनाने का कार्य, सूचना के अधिकार का कार्य, संपर्क पोटर्ल, खाद्य सुरक्षा योजना, डिजिटल, स्वच्छता अभियान, आवास योजना के कार्य, राशन कार्ड का कार्य, भामाशाह योजना, जनधन योजना के कार्य और पेंशन का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
जिले में सिर्फ साठ ग्राम विकास अधिकारी कार्यरत
जिले में सामूहिक हड़ताल के कारण केवल साठ ग्राम विकास अधिकारी ही डयूटी पर कार्यरत है। ये वे ही जिनका अभी परीवीक्षाकाल पूरा नहीं हुआ है। जिस कारण संगठन ने भी इन्हें हड़ताल में शामिल नहीं किया गया है। इससे पूरे जिले की व्यवस्थाएं नहीं बन पा रही।
हमारी मांगों की अनदेखी क्यों
सरकार को कई बार हमने ज्ञापन दिए। जिले के विकास में ग्राम विकास अधिकारियों की अहम भूमिका रहती है। कई योजनाओं की क्रियान्विति ग्राम विकास अधिकारियों की बदौलत ही संभव है लेकिन सरकार बार बार नजर अंदाज करती रही है। इसके चलते संगठन ने पूरे प्रदेश में सामूहिक अवकाश निर्णय किया है। रामधन लिम्बा, जिलाध्यक्ष ग्राम विकास अधिकारी संघ श्रीगंगानगर।
ये हैं प्रमुख मांगें
ग्राम सचिवों के वर्ष २००६ से बीडीओ के प्रमोशन की कोई प्रक्रिया नहीं।
पंचायत प्रसार अधिकारियों के प्रमोशन की मांग
ग्राम विकास अधिकारी की २०१६ में ३६४२ पदों पर भर्ती हुई थी, उनमें से १०६२ पदों की चेटिंग लिस्ट चार माह पहले जारी होने के बावजूद जिले आंवटित नहीं हो रहे।
ग्राम विकास अधिकार पद के लिए पांच साल में एक बार भी डीपीसी नहीं हुई।
ग्राम विकास अधिकारियों के बेसिक पे ग्रेड सुधार किया जाए।
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