रेलवे बोर्ड गंगानगर में डिस्पेंसरी को काफी समय पूर्व क्रमोन्नत कर चुका है। डिस्पेंसरी में ही डाक्टर, फार्मेसिस्ट, स्टोर और ड्रेसिंग के लिए अलग से कमरों का निर्माण किया जा चुका है। रेलवे डिस्पेंसरी में जो सुविधाएं देने की स्वीकृति जारी की हैं, उसमें डाक्टरों और फार्मेसिस्ट एक-एक, दो अटेंडेंट, ड्रेसर और सफाई कर्मी के एक-एक पद मंजूर किए हैं। फिलहाल हनुमानगढ़ डिस्पेंसरी से एक डाक्टर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को यहां आते हैं। डाक्टर ही फार्मेसिस्ट के रूप में मरीजों को दवाइयां देते हैं। श्रीगंगानगर रेलवे डिस्पेंसरी पर लगभग ढाई हजार लोग निर्भर हैं। यह डिस्पेंसरी सुबह नौ से दोपहर एक और सायं साढ़े चार से साढ़े पांच बजे खुलती है।
मरीज को वाहन में ले जाना संभव नहीं
रेलवे डिस्पेंसरी जाने के लिए रेल पटरियों को पार करना पड़ता है। डिस्पेंसरी तक वाहन में मरीज को ले जाना काफी दूभर है। ब्रॉडगेज कॉलोनी से डिस्पेंसरी तक जाने का कोई सीधा रास्ता नहीं है। डिस्पेंसरी के पीछे पार्क से पैदल गुजरकर ही पहुंचा जा सकता है। रेल अधिकारी मानते हैं कि डिस्पेंसरी उस समय बनाई गई थी, जब स्टेशन परिसर में रेल पटरियों का विस्तार नहीं हुआ था। इस डिस्पेंसरी में ऑब्जेर्वेशन बैड भी नहीं है।
रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित लॉकअप डिस्पेंसर को क्रमोन्नत कर हेल्थ यूनिट बनाई जा चुकी है। जल्द ही यहां डाक्टर समेत अन्य स्टाफ की नियुक्ति हो जाएगी। हनुमानगढ़ और बीकानेर से स्थाई स्टाफ को यहां लगाया जाएगा।
– डॉ. सुशील शर्मा, चिकित्सा अधिकारी, रेलवे हेल्थ यूनिट, श्रीगंगानगर