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पीडीएस में गुणवत्ताहीन गेहूं का वितरण,जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं ?

locationश्री गंगानगरPublished: Aug 03, 2021 10:06:48 am

Submitted by:

Krishan chauhan

-श्रीगंगानगर जिले के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित 11 लाख 49 हजार 268 लोगों के स्वास्थ्य से सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है

पीडीएस में गुणवत्ताहीन गेहूं का वितरण,जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं ?

पीडीएस में गुणवत्ताहीन गेहूं का वितरण,जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं ?

पीडीएस में गुणवत्ताहीन गेहूं का वितरण,जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं ?

-श्रीगंगानगर जिले के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित 11 लाख 49 हजार 268 लोगों के स्वास्थ्य से सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है
श्रीगंगानगर.राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसएल)में श्रीगंगानगर जिले में 11 लाख 49 हजार 268 लोगों को नि:शुल्क गेहूं का वितरण किया जा रहा है लेकिन गेहूं की गुणवत्ता बहुत ही घटिया है तथा खाने के काबिल तक नहीं। इसकी पुष्टि शहर के वार्ड नंबर चार की उचित मूल्य दुकानदार रामकिशन पोस कोड-23119 की दुकान पर हुई है। गेहूं 208 थैलों में छह थैलों में तीन क्विंटल गेहूं गुणवत्ताहीन पाई गई है। रसद विभाग की टीम ने इसकी पुष्टि की है। जबकि कड़वी सच्चाई है कि उचित मूल्य दुकानदार गरीब लोगों को घटिया गेहूं का वितरण किया जा रहा है और आम व्यक्ति के स्वास्थ्य से सीधा खिलवाड़ है। जबकि इसके लिए रसद विभाग,भारतीय खाद्य निगम व खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। हर विभाग का अधिकारी एक -दूसरे पर डाल कर पल्ला झाड़ रहा है। जबकि एक माह में जिले में रसद विभाग एक लाख क्विंटल गेहूं का वितरण कर रहा है।
यह उठाव हुआ था गेहूं का

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में मई में 5421.685,जून में 5421.685 व जून में अतिरिक्त 126.232 व जुलाई 2021 में3793.166 एमटी गेहूं का उठाव किया गया था। जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में प्रति माह 56 हजार क्विंटल गेहूं का उठाव होता है।
धानमंडी के कैप में लगा गेहूं का हुआ उठाव
आइजीएनपी,भाखड़ा व गंगनगर में नहरबंदी की वजह से मार्च माह में आखिरी सिंचाई पानी की सुविधा नहीं मिलने की वजह से इस बार गेहूं की गुणवत्ता सही नहीं थी। इस कारण चमक वहीन गेहूं व टूटे हुए दानों की गेहूं की खरीद पहले नहीं की जबकि बाद में टीम की रिपोर्ट के आधार पर छूट दी गई। तब खरीद की गई। इस बीच कई बार बारिश भी हुई,तब भी किसानों का गेहूं भीगा था। आंशाका है तब व्यापारियों ने एफसीआइ क्यूआई से मिलकर गुणवत्ताहीन गेहूं की पैकिंग करवा दी गई। जबकि वर्तमान में गेहूं का उठाव धानमंडी के कैप से उठाया जा रहा है।
तीन स्तर पर जांच,फिर भी पहुंच रहा है डिपो पर गुणवत्ताहीन गेहूं

1 किसान मंडी में गेहूं लेकर आता है तो व्यापारी की दुकान पर ढेरी करता है। क्वालिटी इंस्पेक्टर निर्धारित मापदंड के अनुसार गेहूं की जांच कर गेहूं की खरीद कर पैकिंग करवाता है।
2.धान मंडी से गेहूं की खरीद के बाद एफसीआइ के थैलों में पैक कर गेहूं गोदाम में जाती है। वहां पर एफसीआइ का गोदाम मैनेजर गेहूं की जांच कर गोदाम में लगवाता है,यदि गेहूं की गुणवत्ता सही नहीं हो फिर ट्रक या ट्रॉली को व्यापारी की दुकान पर वापस भेज देता है।
3 राजस्थन राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड व क्रय-विक्रय सहकारी समिति का प्रतिनिधि गेहूं की गुणवत्ता की जांच कर एफसीआइ के गोदाम या कैप से गेहूं का उठाव करते हैं। सप्लायर की संतुष्टि पर क्वालिटी सर्टिफिकेट जारी करता है।
फैक्ट फाइल

-जीएसएस-127
-महिला समूह-11

निजी उचित मूल्य दुकानदार-681
जिले में कुल उचित मूल्य दुकानदार-819

-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित सदस्य-11,49,268
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हर उचित मूल्य दुकानदार को पाबंद कर रखा है कि पीडीएस के गेहूं गुणवत्ता में सही नहीं है तो फिर वितरण ही नहीं करना है। जबकि राजस्थन राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड व क्रय-विक्रय सहकारी समिति का प्रतिनिधि गेहूं की गुणवत्ता की जांच कर उठाव करते हैं। कहां पर लापरवाही रही है। मंगलवार को इसको लेकर एफसीआइ अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।
राकेश सोनी,डीएसओ,श्रीगंगानगर।

एफसीआइ गेहूं की गुणवत्ता की जांच करने के बाद ही गेहूं की खरीद करता है। एफसीआइ के गोदाम या कैप से जब गेहूं का उठाव होता है तो संबंधित एजेंसी गेहूं की जांच कर गुणवत्ता के सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर करके ही गेहूं का उठाव करती है। यहां से उठाव होने के बाद डिपो पर गेहूं की गुणवत्ता आदि की जिम्मेदाीर एफसीआइ की नहीं है। जबकि फिर भी एफसीआइ इस प्रकरण में इंटरनेट बहुत से बिंदुओं की जांच करवाएंगी।
चक्रेश कुरील,क्षेत्रीय प्रबंधक, एफसीआइ,श्रीगंगानगर।
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