कलक्टर ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम को कोरोना की गाइड लाइन के अनुरुप आयोजित किय जा सकता है लेकिन रावण के पुतलों के दहन पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। यहां कि आतिशबाजी के इस्तेमाल और बिक्री पर भी रोक लगाई हुई है।
इसके बावजूद आतिशबाजी के इस्तेमाल करना प्रतिबंध का उल्लंघन है। उपखंड अधिकारियों से उनके एरिया में एेसे आयोजन और आतिशबाजी इस्तेमाल होने के संबंध में रिपोर्ट मांगी है, इसके बाद सख्त एक्शन लिया जाएगा। जैतसर में रावण के करीब पचास फीट ऊंचे पुतले को देखने के लिए जैतसर मंडी में लोग उमड़े।
हालांकि जिला मुख्यालय पर सुखाडि़या सर्किल रामलीला मैदान पर कोरोना की गाइड लाइन की पालना करते हुए नगर परिषद प्रशासन ने वहां रावण परिवार के पुतलों का दहन नहीं किया। यही स्थिति हनुमानगढ़ रोड स्थित सैक्टर सत्रह पर रही।
यहां महावीर दल मंदिर संस्था की ओर से दशहरे का आयोजन होता आया है लेकिन इस बार भी कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक पुतले को स्थापित नहीं किया गया। रामलीला मैदान के आसपास दशहरे उत्सव के आयोजन की उम्मीद में कई अस्थायी दुकानदार मायूस नजर आए।
यहां तक कि गुब्बारे और खिलौने बेचने वाले, जलेबी आदि मिठाई बेचने वाले दुकानदारों के पास ग्राहकी नजर नहीं आई। बाजार एरिया में लोगों की खूब भीड़ रही। लोगों ने गोलबाजार में जलेबी और समौसे खाने का स्वाद लिया। वहीं कई लोगों ने आइसक्रीम खाकर दशहरे अवकाश को आनंद उठाया।
इधर, एच ब्लॉक डिग्गी पर रावण के पुतले का दहन किया गया। वहां रामभक्तों ने पूरी तैयारी के साथ रावण का पुतले को स्थापित किया। सूचना मिलते ही जब पुलिस दल पहुंचा तो वहां लोगों ने जय श्रीराम के जयघोष लगाए।
पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में रावण पुतले का दहन कर दिया। इसके बाद वहां जय श्रीराम, हो गया काम के नारे लगने लगे। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों का कहना था कि राज्य सरकार ने कोरोना की आड़ में जानबूझकर हिन्दूओं के दशहरे उत्सव पर प्रतिबंध लगाया है।
यह भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेंगे। इधर, शहर के विभिन्न गली मोहल्ले में बच्चे भी रावण पुतले के दहन करने में पीछे नहीं रहे। बच्चों ने पुराने न्यूज पेपरों और कागजों के माध्यम से पुतलों को बनाया और उनमें पटाखे लगाकर अपने अभिभावकों को एकत्र किया।
जय श्रीराम के जयघोष करते हुए इन पुतलों का दहन किया गया। पुरानी आबादी, जवाहरनगर, ब्लॉक एरिया, सेतिया कॉलोनी, अग्रसेननगर आदि इलाके में बच्चों की ओर से बनाए पुतले देखने के लिए उनके पारिवारिक सदस्य साक्षी बने।