नगर परिषद की अलग-अलग दो टीमें है। इसमें एक तो एलइडी रोड लाइट्स के लिए प्राइवेट कंपनी के अधिकृत इंजीनियर की अगुवाई में कायज़्रत है। वहीं दूसरी नगर परिषद के पुराने कामिज़्कों के साथ बारह जनों की टीम है। तीसरी टीम नगर विकास न्यास की है, जो ज्यादातर शिकायत पर हरकत में आती है।
कर सके।
कोई हिसाब नहीं
नगर परिषद सभापति अजय चांडक का आरोप है कि रोड लाइट्स को एलइडी में बदला गया, करीब बारह हजार नई एलइडी लाइट्स लगाई थी, तब यह दावा किया गया था कि रोड लाइट्स से बिजली की खपत कम होगी तो बिल भी कम आएगा। इस परिवतज़्न के नाम पर करीब एक करोड़ रुपए का बजट भी खचज़् किया गया था। लेकिन इसका फायदा आमजन तक नहीं पहुंचा। उन्होंने आयुक्त को कई बार दिन के समय में रोड लाइट्स जलने की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि स्ट्रीट लाइट्स के नाम पर उठ रहे बजट के संबंध में हिसाब किताब भी मांगा लेकिन अब तक कोई हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है।
अब सख्त एक्शन
यह सही है कि जस्सासिंह मागज़् सहित कई रोड लाइट्स की समस्या है। इसे दुरुस्त करवाया जा रहा है। अब सख्ती से एक्शन लिया जा रहा है। यहां तक कि प्रत्येक टीम की मॉनीटरिंग के लिए बकायदा रजिस्टर में एंट्री की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। किसी भी पाकज़् में लाइट्स नहीं जल रही है या दिन के समय रोड लाइट़स जलती है तो संबंधित एइएन या जेइएन के खिलाफ कारज़्वाई की जाएगी।
अशोक असीजा,
आयुक्त नगर परिषद, श्रीगंगानगर।