जिला प्रशासन हर माह शहर के सौन्दर्यीकरण के लिए बैठक करता है जबकि कलक्ट्रेट में हर सप्ताह मॉनिटरिंग कमेटी की भी बैठक की जाती है। हर बार दावे बड़े-बड़े किए जाते हैं लेकिन सौन्दर्यीकरण के लिए छोटे काम तक नहीं हो रहे। यूआईटी ने दो चौराहों के चारों ओर सीमेंट से किए गए प्लस्तर को उखाडकऱ वहां मार्बल की टाइल्स बिछाने का ठेका दिया है। लेकिन इन चौराहों के आसपास डिवाइडरों की सुध तक नहीं ली गई है।
रवीन्द्र पथ
शहर के सबसे व्यस्ततम इस मार्ग पर डिवाइर शहर के अन्य डिवाइरों से अधिक ऊंचाई पर है। इस डिवाइडर पर अधिकांश ट्री गार्ड गायब हो चुके है। जो पुराने लगे हैं, उसमें पौधे अब पेड़ बनने से ट्री गार्ड किसी काम के नहीं रहे। कोडा चौक से बीरबल चौक तक इस डिवाइडर की सुध तक नहीं ली गई है।
बस स्टैण्ड रोड
कोडा चौक से केन्द्रीय बस स्टैण्ड तक डिवाइडर पर ही यही हाल है। डिवाइडर पर नब्बे फीसदी जगह पर ट्री गार्ड तक नहीं है। पौधे लगे थे वे सूख चुके हैं। इस रोड पर बसों की आवाजाही अधिक रहती है। ऐसे में डिवाइरों पर पौधे अधिक होने से वाहनों को धुएं से होने वाले से नुकसान से बचाया जा सकता है।
सूरतगढ़ मार्ग
शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक इस मार्ग के डिवाइडर पर ट्री गार्ड लगाने के लिए नगर विकास न्यास प्रशासन ने कभी प्रयास नहीं किया। यहां तक कि खरपतवार को साफ तक नहीं किया गया है। न्यास प्रशासन ने इस मार्ग के दोनों साइडों में पहले से पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग से अनुमति तक मांग रखी है।
गगन पथ
बिहाणी चिल्ड्रन एकेडमी से लेकर हनुमानगढ़ रोड तक इस गगन पथ के डिवाइडर पर पिछले दो दशक से पौधे तक नहीं लगाने में यूआईटी और नगर परिषद नाकाम रही है। आक और खरपतवार अधिक पनप चुके हैं। ट्री गार्ड काफी साल पहले लगे थे वे टूट चुके हैं। यही हाल गगन पथ से इंदिरा वाटिका तक रोड के डिवाइडर का है। यहां भी ट्री गार्ड गायब है।
यह सही है कि ट्री गार्ड की समस्या है। अब इसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में कुछ समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से भी प्रेरित किया जाएगा ताकि प्रत्येक रोड के डिवाइडर को गोद लेकर वहां पौधरोपण और ट्री गार्ड जैसी सुविधा हो जाए।
सुनीता चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद
सुनीता चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद