scriptनशा छुड़ाने की जगह आदी बना रहा डॉक्टर,5 करोड़ की दवाइयां बरामद | Doctor continues to get addicted to drug addiction, 5 crore medicines | Patrika News

नशा छुड़ाने की जगह आदी बना रहा डॉक्टर,5 करोड़ की दवाइयां बरामद

locationश्री गंगानगरPublished: Feb 28, 2020 11:41:24 am

Submitted by:

Krishan chauhan

-नारकोटिक्स टीम ने चिकित्सक को दबोचा-अब तक बेच चुका 15.50 करोड़ की दवाइयां

नशा छुड़ाने की जगह आदी बना रहा डॉक्टर,5 करोड़ की दवाइयां बरामद

नशा छुड़ाने की जगह आदी बना रहा डॉक्टर,5 करोड़ की दवाइयां बरामद

नशा छुड़ाने की जगह आदी बना रहा डॉक्टर,5 करोड़ की दवाइयां बरामद

-नारकोटिक्स टीम ने चिकित्सक को दबोचा
-अब तक बेच चुका 15.50 करोड़ की दवाइयां

श्रीगंगानगर. नशा छुड़ाने के बजाए ज्याणी कलावती हॉस्पिटल का चिकित्सक डॉ.धर्मेन्द्र ज्याणी रोगियों को नशे का आदी बना रहा था। सौ रुपए की दवा वह दौ सौ रुपए में बेच रहा था। नारकोटिक्स ब्यूरो ने इस डॉक्टर से पांच करोड़ रुपए की दवाइयां बरामद की है। ब्यूरो शहर में चलने वाले अन्य नशामुक्ति केन्द्रों को भी खंगालेगा।
केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की राजस्थान इकाई की ओर से श्रीगंगानगर जिले में बीरबल चौक के निकट ज्याणी कलावती हॉस्पिटल तथा हरियाणा के सिरसा जिले में मंडी डबवाली स्थित डॉ.ज्याणी के हॉस्पिटल में छापा मारकर करीब पांच करोड़ रुपए की 12 लाख 45 हजार 658 नशीली गोलियां जब्त की गई। इस मामले में नारकोटिक्स ब्यूरो ने चिकित्सक डॉ.धर्मेन्द्र ज्याणी को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया,जहां से उसे 14 दिन के लिए जेल भेज दिया।
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ये गोलियां हुई बरामद

नारकोटिक्स के उप आयुक्त विकास यादव ने बताया कि नारकोटिक्स टीम ने नशीली गोलियों में 11 लाख 18 हजार 670 गोलियां ब्यूप्रोनोफीन, एक हजार 165 गोलियां जोलपीडम,2 हजार 560 गोलियां अल्प्राजोलम, 3 हजार 933 गोलियां क्लोरोडाइजिपोकसाइड, 6 हजार 600 गोलियां क्लोबाजाम, 13 हजार 310 गोलियां क्लोनाजेपम, एक हजार 320 गोलियां लोराजेपाम, 6 हजार 60 गोलियां ओक्साजेपाम, 2 हजार गोलियां फिनोबारवीटोन और 10 इंजेक्शन डाइजेपाम जब्त की गई।
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नशेडिय़ों को थमा रहे थे प्रतिबंधित दवाइयां
नशा मुक्ति की दवा चिकित्सक के निर्देशन में मरीज को खिलाने के प्रावधान हैं। चिकित्सक एक पखवाड़े की दवा मरीजों को दे रहा था, जिसे नशे का आदी दो-तीन दिन में ही समाप्त कर देता है। ऐसे में नशा छोडऩे की जगह व नशीली दवा का ही आदी हो रहा है।
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चिकित्सक कर रहा था अवैध कारोबार
उन्होंने बताया कि जब वे कार्रवाई करने पहुंचे तो पाया कि चिकित्सक दोगुने दामों पर नशा मुक्ति की दवा बेच रहा था। जबकि ये दवाइयां बेहद सावधानी से चिकित्सक के सामने निर्धारित मात्रा में देते हुए धीरे-धीरे कम करनी होती है। इसके स्थान पर चिकित्सक धड़ल्ले से दवाइयां बेचने में लगा था। विभाग ने करीब पांच करोड़ रुपए की नशीली दवाइयां बरामद की। नारकोटिक्स के उप आयुक्त यादव ने बताया कि श्रीगंगानगर में कई और नशा मुक्ति केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं। इन पर भी इस प्रकार का खेल चल रहा है। विभाग को शिकायतें मिली हैं शीघ्र ही शिकंजा कसा जाएगा।
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सात माह में 15.50 करोड़ की गोलियां बेची–सीएमएचओ डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने बताया कि 13 अक्टूबर को 2019 को चिकित्सा विभाग की टीम ने श्रीगंगानगर के ज्याणी कलावती हॉस्पिटल के संचालक डॉ.धर्मेद्र ज्याणी के खिलाफ जांच की थी। इसमें एक अप्रेल 2019 से क्रय रेकॉर्ड,सप्लाई रेकॉड और क्लोजिंग स्टॉक रेकॉड जांच के लिए लिया गया। इसका अध्ययन करने पर सात माह में ब्यूप्रोनोफ्रीन घटक युक्त करीब 38 लाख 62 हजार 420 गोलियां रोगियों को बेचना सामने आया है।

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