scriptनकली पिस्तौल रखने पर पुलिस के दोहरे मापदंड, एक में क्लीन चिट्ट तो दूसरे में कर डाली गिरफ्तारी | Double Standards of Police on Keeping a Fake Pistol | Patrika News

नकली पिस्तौल रखने पर पुलिस के दोहरे मापदंड, एक में क्लीन चिट्ट तो दूसरे में कर डाली गिरफ्तारी

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 22, 2019 01:44:15 pm

Submitted by:

surender ojha

Double Standards of Police जैसे ही पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार बदलते है वैसे ही पुलिस का मापदंड बदल जाता है

Double Standard

नकली पिस्तौल रखने पर पुलिस के दोहरे मापदंड, एक में क्लीन चिट्ट तो दूसरे में कर डाली गिरफ्तारी

श्रीगंगागर. शहर में जैसे ही पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार बदलते है वैसे ही पुलिस

( police ) का मापदंड ( Standard )बदल जाता है। कोतवाली (Kotwali ) और सदर ( Sadar) पुलिस थाने के बीच दूरी महज डेढ़ किमी है। लेकिन दोनों थानों की पुलिस की नजरिए अलग अलग है। करीब दो सप्ताह पहले सदर थाना क्षेत्र रिद्धि सिद्धि एन्कलेव में जहां नकली पिस्तौल ( fake pistol ) से एक दंपती को भयभीत करने का मामला आया तो पुलिस ने नकली पिस्तौल होना बताकर कानून कायदे का पाठ पढ़ाना उचित नहीं समझा।
लेकिन इसके विपरीत दस दिन पहले डीएवी स्कूल के हॉस्टल के पास कोतवाली पुलिस ने एक शख्स से असली जैसी हुबहू नकली पिस्तौल बरामद कर गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। यही नहीं इस आरोपी को अदालत में पेश किया गया, वहां से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। ऐसे में सदर पुलिस की नजर में नकली पिस्तौल ( fake pistol) आम्र्स एक्ट की धाराओं में अपराध नहीं बना लेकिन कोतवाली पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया।
सदर थाना क्षेत्र में करीब 48 वर्षीय एक शख्स का जन्मदिन था। वह अपनी पत्नी, साढू व उसकी पत्नी कार में खानाकर आए थे। जो रिद्धि सिद्धि में पार्क के पास सुनसान में कार रोककर उतर गए और वहां कार को टेप चलाकर डांस कर रहे थे। इसी दौरान वहां मौजूद गार्ड चाय पीने के लिए दो युवकों की बाइक पर बैठकर वहां पहुंच गया और उनको वहां से अपने घर जाने की बात कहकर चला गया। लेकिन वे दो युवक वहीं रुक गए और वहां डांस देखने लगे। डांस करने वालों ने उनको जाने के लिए कहा। इसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसी दौरान कार सवार एक व्यक्ति ने नकली पिस्तौल (fake pistol
) चला दी, जिससे गोली चलने की आवाज आई। इससे वहां हंगामा मच गया। जब यह मामला पुलिस तक पहुंचा तो दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया। दोनों पक्षों में बातचीत के बाद मामला शांत हो गया। इस संबंध में किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई। वहीं कोतवाली के एएसआई लाल बहादूर ने डीएवी स्कूल के हॉस्टल के पास हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी निवासी पाल सिंह पुत्र भजन सिंह को काबू किया। जांच अधिकारी ने बताया कि जब वह इस हॉस्टल के पास गश्त कर रहा था तब इस शख्स को देखा तो वह पुलिस दल को देखकर भागने लगा। तब उसे काबू कर पकड़ा। इस शख्स के कब्जे से एक नकली पिस्तौल ( fake pistol) मिली, वह असली जैसी हुबहू लगी। पुलिस ने इस नकली पिस्तौल बरामद कर गिरफ्तार किया। इस आरोपी के खिलाफ आम्र्स एक्ट की धारा 6-28 में एफआईआर भी दर्ज की।
इस बीच पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा का कहना है कि मंशा पर निर्भर जिस शख्स के पास यदि नकली पिस्तौल है और उसने किसी को मारने का भय दिखाया है तो उसकी मंशा अपराध की श्रेणी में आती है। लेकिन सिर्फ शौक के लिए रखी है तो उसका कोई अपराध नहीं है। अलग अलग मामलों में कोई मंशा रही होगी तभी पुलिस ने एक में अपराध नहीं माना होगा।
वहीं सीओ सिटी इस्माल खान ने बताया कि यह सही है कि असली जैसी नकली पिस्तौल रखना अपराध, बशर्ते उस हथियारनुमा खिलौना रखने की मंशा अपराध की हो। नकली पिस्तौल का यह मतलब नहीं कि वह सिर्फ नकली है, उसके इस्तेमाल से डरना या भयभीत करना अपराध की श्रेणी में आता है। असली की तरह नकली पिस्तौल रखना आयुध अधिनियम में सात साल कारावास का प्रावधान है।
इधर, अधिवक्ता अरुण बिश्नोई ने दावा किया कि खिलौने आटीवी सीरियल और फिल्मों में तो नकली पिस्तौल न केवल असली जैसे दिखते बल्कि असली गोली की तरह आवाज करते हुए धुंआ भी निकलते है। ऐसे में वे सारे हथियार रखने या इस्तेमाल करने वाले अपराधी हो जाएंगे। पुलिस का दोहरे मापदंड (double standards ) कानून से ऊपर नहीं है। आयुध अधिनियम में असली हथियार रखने का प्रावधान है न कि खिलौने को हथियार में दिखाना।
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