scriptबरसात होने के चौबीस घंटे के बाद भी शहर से पानी निकासी अटकी | Drainage stuck in the city even after twenty four hours of rain | Patrika News

बरसात होने के चौबीस घंटे के बाद भी शहर से पानी निकासी अटकी

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 30, 2019 11:27:50 pm

Submitted by:

surender ojha

Drainage stuck in the cityबरसाती पानी की निकासी नहीं होने के कारण शहर की अधिकांश सडक़ें छलनी होने लगी है।

बरसात होने के चौबीस घंटे के बाद भी शहर से पानी निकासी अटकी

बरसात होने के चौबीस घंटे के बाद भी शहर से पानी निकासी अटकी

श्रीगंगानगर। बरसात होने के चौबीस घंटे के बाद भी शहर से पानी निकासी अटकी रही। जनप्रतिनिधियों और उच्चाधिकारियों की लगातार शिकायतों पर जिला कलक्टर की घुडक़ी के बाद नगर परिषद अमले ने आनन फानन में पानी निकासी की प्रक्रिया शुरू की।
सोमवार रात तक कई इलाके अब भी जलमग्न नजर आए। बरसाती पानी की निकासी नहीं होने के कारण शहर की अधिकांश सडक़ें छलनी होने लगी है। रवीन्द्र पथ जैसे मुख्य मार्ग भी उखड़ गए है। मीरा चौक से लेकर रेलवे ओवरब्रिज तक, इंदिरा वाटिका से लेकर गगन पथ तक, गगन पथ, मटका चौक से गोदारा कॉलेज तक, रवीन्द्र पथ पर अन्नपूर्णा होटल के आसपास, पुरानी आबादी ताराचंद वाटिका से लेकर माइक्रोटावर तक, उदाराम चौक से ट्रक यूनियन पुलिया तक, जी ब्लॉक और पी ब्लॉक एरिया में पानी निकासी के बंदोबस्त फेल नजर आए।
हालांकि कई इलाकों से नगर परिषद के अधिकारियों ने पानी निकासी के लिए टैंकरों और दमकल की गाडिय़ों के माध्यम से उठाव कराया। शहर के अधिकांश इलाके में जहां जहां पानी का भराव रहा, वहां सडक़ें दम तोड़ गई। अच्छी गुणवत्ता के दावे इस बरसाती पानी में बहते नजर आए।
परिषद के कार्यवाहक आयुक्त और एक्सईएन महेश गोयल ने पुरानी आबादी और गुरुनानक बस्ती इलाके के खड्ढों में पानी निकासी के हालात देखे। पुरानी आबादी के दो खड्ढों में से एक पर जनरेटर की व्यवस्था नहीं थी, तब मौके पर किराये पर जनरेटर को मंगवाकर स्र्टाट करवाया।
वहीं दूसरे खड्ढे पर जनरेटर में आई तकनीकी खराबी को दुरुस्त कराया। गुरुनानक बस्ती के गडढे का भी निरीक्षण किया। वहां पानी अधिक होने के कारण इस गडढ़े में पानी को डलवाने में परेशानी आने लगी। गोयल ने जी ब्लॉक स्थित भगतसिंह पार्क और मटका चौक स्कूल में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी शुरू कराने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को पाबंद कराया। परिषद प्रशासन ने बरसाती पानी की निकासी के लिए पांच ट्रेक्टर ट्रॉलियों और चार टैँकर किराये पर लेकर अपनी ताकत झोंक दी है।
बरसाती पानी के कारण रामलीला मैदान भी जलमग्न हो गया। ऐसे में रामलीला मंचन के आयोजकों ने नगर परिषद प्रशासन से इस मैदान को साफ कराने की मांग की लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई तो आयोजकों के पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर व्यवस्था दुरुस्त कराई है। लेकिन पानी अधिक होने के कारण पूरा मैदान कीचड़ में तब्दील हो चुका है, ऐसे में रामलीला के दर्शकों को परेशानी उठानी पड रही है। इस संबंध में आयुक्त प्रियंका बुडानिया का कहना है कि शहर हर इलाके में अधिक पानी है तो रामलीला मैदान को एकाएक खाली नहीं कराया जा सकता। इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को साफ कराने का आश्वासन दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो