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श्रीगंगानगर में नशीली दवाईयों के तस्कर को सात साल कठोर कारावास और पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 25, 2019 07:51:16 pm

Submitted by:

surender ojha

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Drug trafficker sentenced to seven years rigorous imprisonment

श्रीगंगानगर में नशीली दवाईयों के तस्कर को सात साल कठोर कारावास और पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना

श्रीगंगानगर। इलाके में बढ़ते नशीली दवाईयों के मामले में पुलिस के साथ साथ अब अदालतों का रुख भी सख्त हो रहा है। पुलिस की कार्रवाई के बाद आरोपियों को सजा भुगताने के लिए कोर्ट के सख्त निर्णय से लाइलाज बन चुके नशे के खिलाफ यह अनूठी सोच विकसित हो रही है।
इसका परिणाम है कि एनडीपीएस कोर्ट ने नशे खासतौर पर नशीली दवाईयों के धंधे में शामिल लोगों को जेल भेजने के लिए कानूनी हथियार के रूप में काम किया है। तीन साल पहले पुरानी आबादी में नशीली दवाईयों की तस्करी करने पर अदालत ने एक जने को दोषी मानते हुए सात साल कठोर कारावास व पच्चीस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। यह निर्णय शुक्रवार को विशिष्ट न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट प्रकरण) विजय सिंह सींवर ने सुनाया। जमानत पर रिहा दोषी के जमानत मुचलके निरस्त कर उसे सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया।
विशिष्ट लोक अभियोजक केवल कुमार अग्रवाल ने बताया कि पुरानी आबादी थाने के तत्कालीन एसएचओ अवधेश कुमार सांदू ने 27 मार्च 2016 को गश्त के दौरान पुरानी आबादी के श्यामनगर एरिया में सीआईडी ऑफिस भवन के पास एक शख्स को संदेह होने पर काबू करने का प्रयास किया तो वह भागने लगा। पुलिस दल ने उसका पीछा कर काबू कर पूछताछ की। इस शख्स की पहचान श्यामनगर वार्ड सात निवासी राजेन्द्र सिंह उर्फ मंडा पुत्र तीर्थ ङ्क्षसह सिगलीगर के रूप में हुई।
उसके पास एक पॉलीथिन थैली से 700 नशीली गोलियां बरामद कर एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया। इस दवाईयों की एफएसएल से जांच कराई गई, इसमें नोवासार साल्ट था जिसमें क्लोरोडाइजे पॉक्सासाइड शामिल था।

यह क्लोरोडाइजे पॉक्साइड एनडीपीएस एक्ट की श्रेणी में आती है, ऐसे में अदालत ने आरोपी राजेन्द्र सिंह उर्फ मंडा को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8-22 में दोषी मानते हुए सात साल कठोर कारावास व पच्चीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। निर्णय के उपरांत अदालत ने जमानत पर रिहा दोषी के जमानत मुचलके निरस्त कर उसे सजा भुगतान के लिए केन्द्रीय कारागृह में भिजवा दिया।

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