इस बीच, कृषि विपणन विभाग ने जिले की चार और कृषि उपज मंडी समितियों में ई-नाम शुरू करने की योजना बनाई है। जैतसर, श्रीकरणपुर, रायसिंहनगर एवं श्रीबिजयनगर मंडियों के लिए बकायदा बजट प्रस्ताव मांग लिए गए हैं। दूसरी तरफ, विभाग को व्यापारियों विशेष रूप से कच्चा आढ़तियों का भरोसा जीतने में जोर आ रहा है। इस व्यवस्था में डिजिटल पेमेन्ट सीधा किसान के खाते में जाता है। काफी कच्चा आढ़तिया चाहते हैं कि पेमेन्ट सीधा उनके खाते में आए क्योंकि उनका किसान से लेन-देन साल भर चलता रहता है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ई-नाम को लेकर काफी गम्भीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है और इसके लिए सात सूत्र दिए हैं। इनमें से एक सूत्र ई-नाम का है। सरकार की कोशिश है कि बिचौलिये की भूमिका को न्यूनतम किया जाए और किसानों को उनकी उपज का अधिकाधिक मूल्य दिलवाया जाए। इस मिशन मोदी के चलते राज्य में भी ई-नाम का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
किया जा रहा है जागरूक
कृषि विपणन विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक शिवसिंह भाटी के अनुसार व्यापारियों एवं किसानों को ई-नाम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। अधिकाधिक डिजिटल पेमेंट के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। ई-नाम प्रभारी प्रिन्स जुनेजा एवं उनकी टीम इस बारे में कई प्रशिक्षण भी दे चुकी है। व्यापारी ई-नीलामी तो करने लगे हैं लेकिन डिजिटल पेमेंट की संख्या काफी कम है।
व्यावहारिक बहुत जरूरी
दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खदरिया के अनुसार किसी भी सरकारी योजना की सफलता के लिए व्यावहारिकता बहुत जरूरी है। ई-नाम की अभी तक विश्वसनीयता नहीं बन पाई है। लैब को भी अधिक मजबूत किया जाना चाहिए। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिला व्यापार संघ के अध्यक्ष हनुमान गोयल के मुताबिक व्यापारियों को विश्वास में लेकर ही इस योजना को क्रियान्वित करना चाहिए।
श्रीगंगानगर में यह स्थिति
फर्म पंजीकृत- 891
किसान पंजीकृत- 11832
डिजिटल पेमेंट- 20