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तारें जमीं पर: शिक्षा और सहयोग से मिलेगी सफलता की मुस्कान

locationश्री गंगानगरPublished: Dec 03, 2020 10:33:44 am

Submitted by:

Krishan chauhan

-विश्व विकलांग दिवस पर विशेष— तारें जमीं पर: -हर क्षेत्र में परचम लहरा रहें हैं दिव्यांग

तारें जमीं पर: शिक्षा और सहयोग से मिलेगी सफलता की मुस्कान

तारें जमीं पर: शिक्षा और सहयोग से मिलेगी सफलता की मुस्कान

-विश्व विकलांग दिवस पर विशेष— तारें जमीं पर: शिक्षा और सहयोग से मिलेगी सफलता की मुस्कान

-हर क्षेत्र में परचम लहरा रहें हैं दिव्यांग
—कृष्ण चौहान—

श्रीगंगानगर. तीन दिसंबर का दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों को समर्पित है। जिसका मकसद सामान्य व्यक्तियों के राजनैतिक,वित्तीय,सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में दिव्यांग व्यक्तियों की बराबर भागीदारी शामिल है। इस दिशा में केंद्र व राज्य का शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा के माध्यम से दिव्यांगों के पुनर्वास के सतत प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने नि:शक्तजनों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया और वर्ष 1992 से विश्व विकलांग दिवस मनाने की विधिवत शुरुआत हुई।
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विशेष शिक्षा दे रही कॅरियर के सुनहरे अवसर

एक समय था जब दिव्यांग बच्चों को पढ़ाई के लिए केवल विशेष विद्यालयों में भेजा जाता था पर अब समावेशी शिक्षा के तहत इन बच्चों के लिए विशेष विद्यालयों के साथ सामान्य स्कूल भी उपलब्ध हैं। राज्य का कोई भी निजी या राजकीय स्कूल बच्चे को उसकी दिव्यांगता के कारण प्रवेश से मना नहीं कर सकता। इससे विशेष शिक्षा में डिप्लोमा व डिग्री कोर्सों में प्रवेश की हौड़ लगी हुई है।
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प्रदेश में यह है विशेष विद्यालयों की स्थिति
राजधानी जयपुर में राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार मूक बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, अजमेर में राजकीय उच्च माध्यमिक अंध विद्यालय, बीकानेर में राजकीय नेत्रहीन छात्रावासित विद्यालय के साथ राजकीय मूकबधिर विद्यालय, बांसवाड़ा में राजकीय मूकबधिर विद्यालय, जोधपुर में राजकीय उच्च माध्यमिक अंध विद्यालय तथा उदयपुर में राजकीय उच्च माध्यमिक अंध विद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहें हैं। इसके अलावा गैर सरकारी संगठनों के स्तर पर भी कई विशेष विद्यालय संचालित हैं।
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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दे रहा है मजबूती

1. सुगम्य पुस्तकालय —- केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस ई-पुस्तकालय पर दृष्टिबाधित और दिव्यांगों के लिए 672662 किताबें उपलब्ध हैं।
2. आवाज—आवाज एप बोलने की दिव्यांगता वाले छात्रों के लिए एक चित्र-आधारित सॉफ्टवेयर एप है। यह एप तस्वीरों को शब्दों में परिवर्तित करता है।
3. गुड वाइब्स— यह एप बधिरांधता वाले विद्यार्थियों के लिए है। इसमें वाइब्रेशन और मोर्स कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
4. दिव्यांग सारथी—केन्द्र सरकार की ओर से संचालित इस एप पर विद्यार्थी खुद से जुड़ी से सरकारी योजनाओं, विभिन्न नियमों, दिशा निर्देशों, रोजगार संबंधी अवसर, छात्रवृत्ति व संस्थागत सहायता जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
5. हियर टू रीड— यह एप वर्ड दस्तावेजों, टेक्स्ट या एचटीएमएल फाइल, एसएमएस टेक्स्ट, फेसबुक पोस्ट, व्हाट्सएप मैसेज और ई-बुक्स पढ़ सकता है। इसके साथ-साथ स्क्रीन रीडर, पीडीएफ रीडर,ऑटिज्म एक्सप्रेस,साइन लेंग्वेज, मोडमैथ, ब्रैलिक ट्यूटर आदि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं।
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फैक्ट फाइल
दिव्यांगता की श्रेणियां-21

राज्य में दिव्यांग विद्यार्थी-1.17 लाख
जिले में संदर्भ कक्ष-9

जिले में विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी-3426
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विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों की सीमाओं के चलते कई उपकरण और एप हैं। जो उन्हें ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म पर मजबूती प्रदान करते हैं। विभाग के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ई-कंटेंट के अलावा दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए ऑडियो किताबें, वीडियो तथा रेडियो कार्यक्रमों व टीवी चैनल की सुविधा भी उपलब्ध है। जिनकी मदद से जिलेभर के सीडब्ल्यूएसएन पढ़ाई से जुड़े हुए हैं।
-भूपेश शर्मा,सहसंयोजक,जिला दिव्यागंता प्रकोष्ठ, माध्यमिक शिक्षा,श्रीगंगानगर

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