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38 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच के दायरे में आए शिक्षा विभाग के अधिकारी की मौत

locationश्री गंगानगरPublished: Aug 18, 2019 04:32:08 pm

Submitted by:

surender ojha

Education department scam 38 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले की जांच के दायरे में आए सहायक प्रशासनिक अधिकारी जगदीश देवर्थ की हार्ट अटेक से मौत.

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38 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच के दायरे में आए शिक्षा विभाग के अधिकारी की मौत

श्रीगंगानगर। शिक्षा विभाग (Education department ) में करीब 38 करोड़ रुपए के घोटाले (scam) के मामले की जांच (investigation)के दायरे में आए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लंबे समय से रहे सहायक प्रशासनिक अधिकारी जगदीश देवर्थ की हार्ट अटेक से मौत हो गई।
इस अधिकारी के एकाएक अवसाद में आने की वजह बताई जा रही है हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग (Education department) के मंत्रालियक संवर्ग के सचिव सुरेश नागर ने बताया कि महियांवाली निवासी जगदीश देवर्थ को शनिवा देर रात किसी समय हार्ट अटैक आया, उसे चिकित्सक के पास ले जाया गया लेकिन उसने दम तोड़ दिया। देवर्थ यहां मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
लेकिन उनके सहकर्मी और प्रतिनियुक्ति पर चल रहे पीटीआइ ओमप्रकाश शर्मा की ओर से करीब 38 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले के बाद देवर्थ तनाव में थे। इस प्रकरण के संबंध में बीकानेर शिक्षा निदेशालय और पुरानी आबादी पुलिस की अलग अलग जांच टीमों ने इस सहायक प्रशासनिक अधिकारी देवर्थ से पूछताछ की थी।
पिछले सप्ताह बीकानेर शिक्षा निदेशालय की संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्टाफ का तबादला किया था। इसमें सहायक प्रशासनिक अधिकारी जगदीश देवर्थ को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 10 केएसडी मोखमवाला स्थानान्तरित कर दिया था।
दो दिन पहले देवर्थ वहां से रिलीव भी हुए और अपना कार्यभार रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरतगढ़ से आए सहायक प्रशासनिक अधिकारी आनंद गोदारा को सौंपा था।
शिक्षा निदेशालय के आदेश पर देवर्थ के अलावा वरिष्ठ सहायक सीताराम को राजकीय उच्च माध्यमिक 10केडी रावला, वरिष्ठ सहायक देवेन्द्र बिश्नोई को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 12 एमएलडी ए घड़साना, कनिष्ठ सहायक राजेश शर्मा को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 14 एपीडी कमरानियां अनूपगढ़ और कनिष्ठ सहायक अंकुर सक्सेना को राजकीय माध्यमिक विद्यालय 4-6 एमएसआर अनूपगढ़ में पदस्थापित करने के आदेश किए थे।
निदेशालय की जांच टीम का आरोप था कि इन पांचों को 38 करोड़ रुपए के गबन मामले में मुख्य आरोपी पीटीआइ शर्मा की ओर से फर्जी बिलों को तैयार कर ट्रेजरी से भुगतान उठाकर राजकोष को हानि पहुंचाने के मामले में उदासीनता बरती।

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