श्री गंगानगर

बड़े घोटाले से शिक्षा मंत्री ने लिया सबक, शिक्षकों के वेतन काटने के आदेश

big scam प्रतिनियुक्ति रहे शिक्षकों के वेतन काटने के आदेश

श्री गंगानगरAug 18, 2019 / 05:35 pm

surender ojha

बड़े घोटाले से शिक्षा मंत्री ने लिया सबक, शिक्षकों के वेतन काटने के आदेश

श्रीगंगानगर। शिक्षा विभाग (Education Department) में 38 करोड़ रुपए के गबन मामले में आखिरकार प्रतिनियुक्तियों पर रहने वाले कार्मिकों पर अब सख्त आदेश जारी किया गया है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और समग्र शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक विष्णुदत्त स्वामी ने आदेश जारी कर समस्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, डीईओ माध्यमिक और प्रारभिंक को पाबंद किया है।
इसमें बताया गया है शिक्षक कैडर के व्यक्तियों को तत्काल स्कूल में शैक्षिक कार्यो के लिए भेजा जाएं, यदि कोई प्रतिनियुक्ति पर रहता है या नियुक्ति करता है तो उसके जुलाई माह से लेकर आगामी आदेश तक वेतन की कटौती की जाएगी।
स्वामी ने बताया कि जो भी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर रहता है तो उसको वेतन नहीं मिलेगा। यदि किसी कार्यालय में कामकाज के लिए स्टाफ कर्मी की जरूरत है तो वह मंत्रालियक कार्मिक को ही बुलाया जा सकता है, शिक्षक अपने अपने स्कूल में डयूटी करेंगे।
इस आदेश के बावजूद यदि कोई प्रतिनियुक्ति पर रहता है या रखता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गबन मामले में मुख्य आरोपी पीटीआइ ओमप्रकाश शर्मा ने सीबीइओ ऑफिस में करीब दस साल तक प्रतिनियुक्ति की आड़ में यह घोटाला किया था।
शिक्षा मंत्री (Education Minister) गोविन्द सिंह डोटासरा के समक्ष जांच अधिकारियों ने इस गबन की जड़ को प्रतिनियुक्तियों की वजह बताई थी। स्कूल की बजाय शिक्षा विभाग कार्यालय में र्ही डेपुटेशन पर रहने वाले कार्मिकों पर सख्त कदम उठाया होता तो ऐसा घोटाला रोका जा सकता था।
इस गबन के मामले में बरती गई खामियों के संबंध में शिक्षा मंत्री डोटासरा ने अलग से रिपोर्ट भी मांगी है। इस रिपोर्ट में उन बीईईओ और स्टाफ कर्मियों के नाम मांगे है जो मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पिछले दस सालों में कार्यरत रहे है।
इसमें उन शिक्षकों के नाम भी शामिल है जो ऑफिस में प्रतिनियुक्तियोंं पर रहे है। यहां तक कि लेखा अधिकारियों, शिक्षा निदेशालय की ऑडिट टीम के बारे में भी जानकारी को एकत्र किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने इलाके के जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर खींचा भी है। इन अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री के साथ हुई वार्ता का खुलासा करने से इंकार कर दिया।
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