इस संबंध में उसने बालोतरा पुलिस थाने में गुमशुदी की रिपोर्ट के लिए अर्जी दी थी। इसमें बताया था कि तीस वर्षीय उसकी बेटी चम्पारानी अपने पति से अनबन के कारण उसके पास रहने लगी। 13 मई 2018 को सुबह करीब पौने ग्यारह बजे एकाएक गायब हो गई। लेकिन यह विवाहिता ट्रेन से सूरतगढ़ के रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो वहां गुरु भरोसा आश्रम के संचालकों ने उसे अपने पास बंधक बना लिया।
जब इसकी जानकारी मिली तो वह सूरतगढ़ पहुंचा और आश्रम में भी गया लेकिन वहां आश्रम संचालकों से उसे भगा दिया। इस संबंध में सूरतगढ़ पुलिस और एसडीएम से बेटी को बंधकमुक्त कराने की गुहार लगाई तो कोई सुनवाई नहीं हुई।
ऐसे में पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा के समक्ष अपनी आपबीती सुनाई और बेटी को आश्रम के चुंगल से बचाने की गुहार लगाई। उसका आरोप था कि आश्रम में नशीली दवाईयां देकर वहां महिलाओं को सुन्न किया जाता है। इसके अलावा पिछले दो दिनों में कई महिलाओं को बाहर भी भिजवाया गया है।
इस संबंधमें पुलिस अधीक्षक को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया गया। इस पर पुलिस अधीक्षक ने उसी समय सूरतगढ़ एसएचओ को पाबंद करते हुए इस बेटी को मुक्त करवाकर रिपोर्ट देने के आदेश किए।
सूरतगढ़ क्षेत्र के सुनील भांभू और उनके कुछ साथी सूरतगढ़ के किशनपुरा आबादी में स्थित गुरु भरोसा आश्रम में रहने वाले बच्चों के लिए मकर संक्रान्ति के उपलक्ष में जर्सियां आदि सामान दान करने पहुंचे तो वहां विवाहिता चम्पा रानी मिली, उसके सिर के बाल काटे हुए थे और भगवा कपड़े पहना रखे थे।
इस चम्पा रानी ने भांभू और उसके साथियों से अपने पिता पुरुषोतमदास सिंधी का मोबाइल नम्बर लिखकर दे दिया और बोली कि इस आश्रम में वह बंधक बनी हुई है, आप छुड़ाओ नहीं तो पिता तक उसके बारे में जानकारी दे दो। इस संबंध में भांभू ने चम्पा रानी के पिता के मोबाइल फोन पर बात की तो चम्पा के आठ महीने लापता होने के बारे में पता चला। भांभू की मदद से पुरुषोत्तम दास को सूरतगढ़ बुलाया गया और आश्रम गए। लेकिन वहां संचालकों ने संन्यास लेने की बात कहते हुए वहां से इन लोगों को भगा दिया गया।
श्रीगंगानगर पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा का कहना है कि यदि ऐसा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी आश्रम की आड़ में छूट नहीं दी जाएगी। आश्रम संचालकों की भूमिका के बारे में पूरी रिपोर्ट ली जाएगी। यदि विवाहिता मनमर्जी से गई है तो एसडीएम के समक्ष पेश कराया जाएगा ताकि संबंधित विवाहिता के बयान लिए जाएं। पूरे प्रकरण की पड़ताल कराने के आदेश सूरतगढ़ एसएचओ को दिए गए है।