आरएसआरडीसी की ओर से सूरतगढ़ की ठेका फर्म ने इन दोनों मार्गो का निर्माण कराया है। जिला कलक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते और स्थानीय विधायक राजकुमार गौड़ ने इन दोनों मार्गो का निरीक्षण भी किया था, तब आरएसआरडीसी के अधिकारियों ने दावा किया था कि सुखाडिय़ा सर्किल से मीरा चौक तक और वहां से चहल चौक तक डिवाइडर का निर्माण भी किया जाएगा।
लेकिन पिछले चार महीनों में इस ठेका कंपनी ने डिवाइडर का निर्माण करवाने के लिए ठेकेदार को पाबंद तक नहीं किया है। डिवाइडर नहीं होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं और वाहनों चालकों के बीच आपस में तकरार होना आम बात हो गई है। रही कही कसर ट्रैफिक पुलिस ने पूरी कर दी है। ट्रैफिक पुलिस ने इस रोड पर डिवाइडर का निर्माण नहीं कराने पर आरएसआरडीसी के अधिकारियों को नोटिस तक नहीं दिया है। बड़े हादसे के बाद पुलिस अपनी सक्रियता दिखाएगी।
सुखाडिय़ा मार्ग को जयपुर के जेएलएन मार्ग की तरह दुर्घटना के लिए खुला छोड़ दिया है। जयपुर के जेएलएन मार्ग पर पिछले दिनों हुए सडक़ हादसे से सबक लेते हुए सुखाडिय़ा मार्ग पर डिवाइर बनाने की जरूरत है। अन्यथा बड़े सडक़ हादसे के बाद सरकार जागेगी।
सुखाडिय़ा मार्ग को जयपुर के जेएलएन मार्ग की तरह दुर्घटना के लिए खुला छोड़ दिया है। जयपुर के जेएलएन मार्ग पर पिछले दिनों हुए सडक़ हादसे से सबक लेते हुए सुखाडिय़ा मार्ग पर डिवाइर बनाने की जरूरत है। अन्यथा बड़े सडक़ हादसे के बाद सरकार जागेगी।