उल्लेखनीय है कि श्रीगंगानगर से सादुलपुर, सादुलपुर से चूरू, चूरू से सीकर और सीकर से रींगस तक रेलवे ने मीटर गेज लाइन को ब्रॉडगेज लाइन में परिवर्तन किया। रींगस से फुलेरा के बीच पहले से ही रेल लाइन है। श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच पहले मीटरगेज लाइन पर गाड़ी चलती थी। इस बीच मीटर गेज से ब्रॉडगेज लाइन का प्रोजेक्ट मंजूर हो गया। इस पर रेलवे ने इस मार्ग पर 31 मार्च 2009 को गाड़ी जयपुर के लिए बंद कर दी। रींगस तक ट्रेक बनने से रेल चलने की उम्मीद और भी बलवती हुई है।
पहले जयपुर के लिए चलती थी दो गाडिय़ां
उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल ने श्रीगंगानगर-जयपुर इंटरसिटी गाड़ी को पौने दस साल पहले बंद कर दिया था। उस वक्त इस मार्ग पर जयपुर के लिए दो गाडिय़ां चलती थी। लेकिन अब शाम 5.40 बजे श्रीगंगानगर वाया जयपुर-कोटा एक्सप्रेस गाड़ी चलती है। इस मार्ग पर यात्रियों का समय और राशि ज्यादा खर्च होती है। इसके लिए जयपुर के लिए सीधे गाड़ी चलने पर यात्रियों को लाभ होगा। यात्रियों का समय की बचत होगी और किराया भी कम लगेगा। इसलिए यात्री गाड़ी से सफर करना ज्यादा पंसद करते हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल ने श्रीगंगानगर-जयपुर इंटरसिटी गाड़ी को पौने दस साल पहले बंद कर दिया था। उस वक्त इस मार्ग पर जयपुर के लिए दो गाडिय़ां चलती थी। लेकिन अब शाम 5.40 बजे श्रीगंगानगर वाया जयपुर-कोटा एक्सप्रेस गाड़ी चलती है। इस मार्ग पर यात्रियों का समय और राशि ज्यादा खर्च होती है। इसके लिए जयपुर के लिए सीधे गाड़ी चलने पर यात्रियों को लाभ होगा। यात्रियों का समय की बचत होगी और किराया भी कम लगेगा। इसलिए यात्री गाड़ी से सफर करना ज्यादा पंसद करते हैं।
गाड़ी में देरी का ट्रांसपोर्ट भी बड़ा कारण
श्रीगंगानगर-सीकर के बीच ब्रॉडगेज लाइन बनकर तैयार है लेकिन रेलवे अधिकारी गाड़ी का रैक नहीं मिलने का कारण बताकर गाड़ी नहीं चला रहे हैं। इसके अलावा एक बड़ा कारण श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच बड़ी संख्या में निजी बसें चलती है। गाड़ी में कम समय और कम किराया में जयपुर का सफर आसान हो सकता है। श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच सीधे कोई गाड़ी नहीं है। इस कारण रोजाना हजारों यात्री बसों से यात्रा करने को मजबूर है। इससे निजी बस संचालकों की बड़ी कमाई हो रही है।
श्रीगंगानगर-सीकर के बीच ब्रॉडगेज लाइन बनकर तैयार है लेकिन रेलवे अधिकारी गाड़ी का रैक नहीं मिलने का कारण बताकर गाड़ी नहीं चला रहे हैं। इसके अलावा एक बड़ा कारण श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच बड़ी संख्या में निजी बसें चलती है। गाड़ी में कम समय और कम किराया में जयपुर का सफर आसान हो सकता है। श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच सीधे कोई गाड़ी नहीं है। इस कारण रोजाना हजारों यात्री बसों से यात्रा करने को मजबूर है। इससे निजी बस संचालकों की बड़ी कमाई हो रही है।
इस क्षेत्र के यात्रियों को मिलेगा लाभ
श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच गाड़ी चली तो इलाके के यात्रियों को बड़ा लाभ मिलेगा। जानकारों के अनुसार इस मार्ग पर श्रीगंगानगर, सादुलशहर, हनुमानगढ़ जंक्शन, टिब्बी, तलवाड़ा झील, ऐलनाबाद, नोहर, भादरा, सिद्धमुख, सादुलपुर जंक्शन, चूरू जंक्शन, फतेहपुर शेखावाटी, लक्ष्मणगढ़ व सीकर जंक्शन होते हुए रींगस, फु लेरा से जयपुर तक गाड़ी चलाई जा सकती है।
श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच गाड़ी चली तो इलाके के यात्रियों को बड़ा लाभ मिलेगा। जानकारों के अनुसार इस मार्ग पर श्रीगंगानगर, सादुलशहर, हनुमानगढ़ जंक्शन, टिब्बी, तलवाड़ा झील, ऐलनाबाद, नोहर, भादरा, सिद्धमुख, सादुलपुर जंक्शन, चूरू जंक्शन, फतेहपुर शेखावाटी, लक्ष्मणगढ़ व सीकर जंक्शन होते हुए रींगस, फु लेरा से जयपुर तक गाड़ी चलाई जा सकती है।
125 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ा इंजन, 12 मिनट में तय की 23 किमी की दूरी पलसाना. सीकर. यहां पलसाना से रींगस के मध्य ब्रॉडगेज पर बुधवार को पहली बार इंजन की सीटी गूंजी। 125 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ते इंजन ने दोनों स्टेशनों के मध्य 23 किमी की दूरी मात्र 12 मिनट में तय कर ली। ट्रैक का काम चलने के कारण दो साल बाद रेल इंजन को दौड़ता देख लोग उत्साहित हुए। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जयपुर-सीकर वाया रींगस ट्रेक पर 14 नवम्बर 2016 की शाम को छोटी लाइन पर आखिरी ट्रेन का संचालन हुआ था।
उसके बाद से गेज परिवर्तन कार्य चल रहा है। इस ट्रेक पर अब 26 अक्टूबर को सीआरएस का दौरा प्रस्तावित है। वरिष्ठ सेक्शन अभियंता (निर्माण) एके जैन ने बताया कि ट्रायल पूरा कर लिया गया है। इंजन के साथ आए रेलवे के उपमुख्य अभियंता निर्माण मनोहर सिंह गोदारा, अधिशासी अभियंता रवि कुल्हरी, सहायक अभियंता के के शर्मा, मोहन बिजारनियां व अन्य का रींगस स्टेशन पर स्वागत किया गया।
अभी सीकर से चूरू तथा सीकर से झुंझुनूं होते हुए दिल्ली तक ट्रेन चल रही है। सीकर से पलसाना तक सीआरएस हो चुका है। पलसाना से रींगस के बीच 26 अक्टूबर को सीआरएस हो जाएगा। इसके बाद रींगस से फुलेरा होते हुए जयपुर तक ट्रेन चलाई जा सकती है। बीकानेर से जयपुर वाया चूरू व सीकर होते ट्रेन दौड़ सकती है। वहीं अभी तक श्रीगंगानगर से चूरू जिले के सादुलपुर तक सीधी ट्रेन आ रही है। फुलेरा वाले ट्रेक से जोडऩे के बाद श्रीगंगानगर से चलने वाली ट्रेन को सादुलपुर, चूरू, फतेहपुर, सीकर व रींगस होते हुए जयपुर तक चलाया जा सकता है। सीकर से रींगस व चौमूं होते हुए मार्च 2019 में ट्रेन चलाया जाना प्रस्तावित है। लेकन रींगस में बड़े पुल का निर्माण कार्य चलने के कारण इस ट्रेक पर ट्रेन चलाना मार्च 2019 में संभव नहीं है। जानकार लोगों का कहना है कि ऐसे में यात्रियों को फुलेरा होते हुए ट्रेन चलाकर सुविधा दी जा सकती है।
तीन रेल सेवाओं में बढ़ाए थर्ड एसी डिब्बे
श्रीगंगानगर. रेलवे प्रशासन ने अतिरिक्त यात्रा भार को देखते हुए 3 रेल सेवाओं में थर्ड एसी श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी तरूण जैन के बताया कि गाडी संख्या 12486/12485 श्रीगंगानगर-नान्देड-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस में श्रीगंगानगर से 19 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक एवं नान्देड से 21 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक एक थर्ड एसी श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की गई है। इस बढोतरी से इस गाडी के मार्ग के मुख्यत: भठिंडा, रोहतक, नई दिल्ली, आगरा केंट, भोपाल, ईटारसी, पूर्णा एवं अन्य स्टेशनों के यात्रियों को प्रत्येक फेरे में थर्ड एसी की 64 बर्थ अधिक उपलब्ध हो पायेगी।
श्रीगंगानगर. रेलवे प्रशासन ने अतिरिक्त यात्रा भार को देखते हुए 3 रेल सेवाओं में थर्ड एसी श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी तरूण जैन के बताया कि गाडी संख्या 12486/12485 श्रीगंगानगर-नान्देड-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस में श्रीगंगानगर से 19 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक एवं नान्देड से 21 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक एक थर्ड एसी श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की गई है। इस बढोतरी से इस गाडी के मार्ग के मुख्यत: भठिंडा, रोहतक, नई दिल्ली, आगरा केंट, भोपाल, ईटारसी, पूर्णा एवं अन्य स्टेशनों के यात्रियों को प्रत्येक फेरे में थर्ड एसी की 64 बर्थ अधिक उपलब्ध हो पायेगी।
इसी प्रकार गाडी संख्या 22475/22476 हिसार-कोयम्बटूर-हिसार एक्सप्रेस में हिसार से 18 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक एवं कोयम्बटूर से 20 अक्टूबर से एक नवम्बर तक एक थर्ड एसी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की गई हैं। इस बढोतरी से इस गाडी के मार्ग के मुख्यत: सादुलपुर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, लुणी, फालना, आबूरोड, अहमदाबाद, वडोदरा, वसई रोड, मडगॉव, मंगलौर एव अन्य स्टेशनों के यात्रियों को प्रत्येक फेरे में थर्ड एसी श्रेणी की 64 बर्थ अधिक उपलब्ध हो पायेगी।
उन्होने बताया कि गाडी संख्या 22477/22478 जोधपुर-जयपुर-जोधपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में 31 अक्टूबर 2018 से 13 नवम्बर 2018 तक एक थर्ड एसी श्रेणी डिब्बें की अस्थाई बढोतरी की जा रही है। इस बढोतरी से इस गाडी के मार्ग के मुख्यत: जयपुर, फुलेरा, कुचामन सिटी, मकराना, डेगाना, मेडता रोड, राई का बाग एवं अन्य स्टेशनों के यात्रियों को प्रत्येक फेरे में थर्ड एसी श्रेणी की 64 सीटें अधिक उपलब्ध होगी।