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एक कैप्सूल खाओ और करेला-पालक की ताकत पाओ

locationश्री गंगानगरPublished: May 21, 2017 08:02:00 am

Submitted by:

​Vineet singh

कड़वाहट व कसेलेपन के कारण यदि आप करेला और पालक जैसी सब्जियां नहीं खाते तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए इनका एक कैप्सूल ही काफी है। इस कैप्सूल को खाकर आप इन सब्जियों के बराबर प्रोटीन और विटामन हासिल कर सकेंगे।

KVK Borkheeda discover vegetables capsule

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सब्जियों और फलों की ताकत वाले कैप्सूल बनाने का अभिनव प्रयोग किया है कृषि विश्वविद्यालय कोटा से सम्बद्ध बोरखेड़ा कृषि विज्ञान केंद्र की गृह विज्ञान इकाई ने। ये कैप्सूल तैयार होने के बाद अब इनका पेटेंट कराने की तैयारी चल रही है। जरूरतमंद व्यक्ति इन कैप्सूल का उपयोग कर सालभर विटामिन, प्रोटीन व पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकता है।
केवीके में आंवला, मैथी, पालक, गाजर, क्यूनोवा, सेंजना आदि का इलेक्ट्रॉनिक मशीन में निर्जलीकरण कर पाउडर तैयार किया गया है। बीमार व्यक्ति के अलावा सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्ति भी शरीर में विटामिन-प्रोटीन भरपूर मात्रा में बनाए रखने के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं। कृषि विवि कोटा की सह निदेशक प्रसार डॉ. ममता तिवारी ने बताया कि जल्द ही इनका पेटेंट कराने जा रहे हैं। इसके बाद लोगों के लिए बेहद कम कीमत पर इनका प्रोडक्शन शुरू करने भी योजना है। 
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ये हैं फायदे

गाजर : गाजर का पाउडर या कैप्सूल विटामिन ए का प्राकृतिक स्रोत है, जो अत्यन्त पौष्टिक है। इसका स्वाद, गंध स्पर्श, रंग गाजर की क्वालिटी के अनुरूप है। गाजर एसिड व एल्केलाइन का सही तालमेल रखती है। अतिसार व रक्तअल्पता को दूर करने में फायदेमंद है। पैक्टिन व फाइबर का अच्छा स्रोत है। नेत्र ज्योति बढ़ाने में सहायक है।
पालक : यह विटामिन, खनिज लवण, लोह तत्व वाली स्वास्थ्यवर्धक हरी सब्जी है। पौष्टिक तत्व शरीर में आसानी से अवशोषित करता है। शरीर को ऊर्जावान बनाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कॉलेस्ट्रोल को नियंत्रित कर वजन कम करने में सहायक है। नियमित सेवन से अस्थि भंगुरता व रक्त अल्पता से बचाता है। कैंसर व रक्तचाप की रोकथाम में लाभदायक है। अस्थमा रोकने, पाचनशक्ति बढ़ाने में सहायक है।
सेंजना : सेंजना की पत्तियों में दूध से 4 गुना अधिक कैल्शियम, गाजर से 4 गुना अधिक विटामिन, पालक से 2 गुना अधिक आयरन, संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन सी की मात्रा होती है। जो गर्भवती महिलाओं व जच्चा के लिए अधिक उपयोगी है। इसकी पत्तियों का रस गले की सूजन, जकडऩ, फेफड़े के कफ को खत्म करता है। सेंजना का रस पीने से त्वचा व चेहरे पर चमक बढ़ती है। फूल-पत्तियों के पेस्ट को चूने में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील मुहासे, छाया दूर हो जाती है।
क्यूनोवा : इसके बीज में प्रोटीन, कार्बोहाडे्रड, डायटरी फाइबर, वसा, पोटेशियम, केल्शियम, मैग्निशियम, सोडियम, लोहा, जिंक, मैंगनीज, ओमेगा, विटामिन बी-6 व ई की मात्रा होती है, जो कॉरेरिंस, हार्डाक्सिक, बैंजोइन अम्ल, वनीला अम्ल आदि एंटी ऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। अनाज की तुलना में अधिक फाइबर युक्त है। पौषक तत्व की बहुलता से इसे सुपर फूड माना जाता है, जो डायबिटीज, हृदयरोग, कैंसर, श्वसन रोग के निदान में सहायक है। साथ ही हड्डियों व दांतों को मजबूत करता है।
आंवला : इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइडे्रड, फेट, शर्करा, फाइबर व विटामिन सी की मात्रा होती है। आंवला रक्त अल्पता की कमी दूर करता है। साथ ही, बालों का झडऩा, त्वचा सम्बन्धी रोग दूर करता है।
लहसुन : लहसुन में सिरका, सोडियम बैंजोइट, प्रोटीन, फाइबर आदि की मात्रा होती है, जो डाइबिटीज, मोटापा को दूर करने में सहायक है। खून को पतला करने की रामबाण औषधि है। लहसुन के लगातार सेवन से हृदयरोग की संभावना बहुत रहती है।
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