किसान आंदोलन होगा मजबूत, व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत
Farmer movement will be strong, martyrdom will not go in vain- दिल्ली की ट्रैक्टर रैली में दिवंगत हुए युवक की श्रद्धाजंलि सभा में पहुंचे प्रभारी मंत्री कल्ला.

श्रीगंगानगर. किसान आंदोलन के तहत दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान दिवंगत हुए युवा नवरीत सिंह पुत्र सरविक्रमजीत सिंह हुंदल की श्रद्धाजंलि सभा हिन्दुमलकोट रोड स्थित संधू रिसोर्ट में रखी गई। इस कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री डा.बीडी कल्ला विशेष रूप से पहुंचे।
उन्होंने दिवंगत नवरीत सिंह की याद में प्रस्तावित शहीद स्मारक या चौक के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। कल्ला का कहना था कि तीनों कृषि कानून को किसान विरोधी बताया। इस मौके पर वक्ताओं का कहना था कि एकजुट होकर किसान आंदोलन को मजबूत करने का समय है और इसकी जरुरत भी है।
लंबी लड़ाई के लिए हर नागरिक को तैयार होना होगा। किसान के समर्थन में हर गांव ढाणी से लोग जागरूक होकर किसान आंदोलन की आवाज बननी चाहिए।
इस दौरान श्रीगंगानगर और सादुलशहर के विधायकों के अलावा भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के प्रतिनिधि जगजीत सिंह दलेवाल, दिल्ली बॉर्डर पर किसान संयुक्त मोर्चा की बनाई चालीस सदस्य कमेटी के बलदेव सिंह सरसा, जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पृथीपाल सिंह संधू, जीकेएस के संयोजक रणजीत सिंह राजू, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, एक नूर खालसा फौज हनुमानगढ़ के कुलदीप सिंह, किसान आर्मी के संयोजक मनिंदर मान, गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान पाली कोचर, गुरबल पाल सिंह, खालसा कॉलेज प्रबंध समिति के सुरजीत सिंह कंग, दलबारा सिंह बराड़, दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन अध्यक्ष धर्मवीर डूडेजा, रमनदीप सिंह मुक्तसर, पंजाब के सांसद सुनील जाखड़ के बेटे पंजकोसी निवासी संदीप जाखड़, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष कमला बिश्नोई आदि ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से दिवंगत नवरीत सिंह हुंदल के दादा राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एडहॉक के प्रधान हरदीप सिंह डिबडिबा को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इससे पहले सभा स्थल पर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए अखंड पाठ का भोग डाला गया।
इस दौरान जीकेएस प्रवक्ता संतवीर सिंह का कहना था कि नवरीत सिंह हुंदल ट्रेक्टर रैली के दौरान दुर्घटना ग्रस्त तो बाद में हुआ था पहले पुलिस ने गोली मारी थी।
उसकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्हेांने दिवंगत की याद में स्मारक बनाने का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि यह स्मारक बुडढा जोहड़ या शहर के किसी भी चौराहें पर बनाया जा सकता है।
नगर परिषद के पूर्व सभापति जगदीश जांदू ने भी सवाल उठाया कि केन्द्र सरकार इस गोलीकांड को दुर्घटना का रूप दे रही है, निष्पक्ष जांच कराई जाएं तो पुलिस की ओर से चलाई गई गोली की घटना का खुलासा हो जाता। पंजाब से आए अतिन्द्र सिंह क्रांति का कहना था कि शहीद कभी मरता नहीं है। नवरीत ङ्क्षसह की शहादत से किसान आंदोलन में नई कहानी लिखी जाएगी।
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