राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले जिले के किसान संगठनों ने दस दिवसीय आंदोलन का आगाज शुक्रवार से कर दिया। किसानों ने श्रीगंगानगर सहित जिले की मंडियों के प्रवेश मार्गों पर नाके लगाकर दूध-सब्जी सहित अन्य कृषि उत्पादों की आपूर्ति ठप कर दी। किसानों ने नाकों पर ही स्टॉल लगाकर दूध-सब्जी आदि की निर्धारित मूल्य पर बिक्री शुरू की है। किसानों ने इस आंदोलन को ‘गांव बंद-किसान छुट्टी पर’ का नाम दिया है।
राष्ट्रीय किसान महासंघ से जुड़े किसान संगठनों की चार सूत्री मांगों में संपूर्ण कर्ज मुक्ति, लागत का डेढ़ गुना दाम, किसान की न्यूनतम आय निर्धारण और दूध-सब्जी के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कराना शामिल है। किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि उनकी मांगों का निस्तारण का केंद्र सरकार के स्तर पर होना है। मांगों और आंदोलन के बारे में वे स्थानीय अधिकारियों से वार्ता नहीं करेंगे।
पदमपुर बाइपास पर उत्पात
पदमपुर बाइपास पर शहर में आने और जाने वाले यात्री एवं अन्य वाहनों को रोककर तलाशी ली गई। बसों में किसी यात्री के पास बोतल में लीटर-दो लीटर दूध मिला तो आंदोलनकारियों ने उसे भी छीन लिया। कई यात्रियों ने कहा भी कि वह दूध घर के लिए लाए हैं। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। किसानों ने श्रीगंगानगर से मंडियों में जा रहे उन वाहनों को भी रोका जिनमें सब्जियां, फल आदि लदे हुए थे। ऐसे वाहनों में लदी सामग्री गुरुद्वारों सहित कई अन्य संस्थानों में भिजवाई गई। इस दौरान वहां तैनात पुलिस कर्मी ढाबों पर बैठकर आराम फरमाते तथा फोन पर चेटिंग करते नजर आए। एक भी पुलिस वाले ने उत्पात मचाने वालों को रोकने का प्रयास नहीं किया।
बाकी जगह आंदोलन शांतिपूर्ण
पदमपुर बाइपास को छोड़ श्रीगंगानगर के अन्य प्रवेश मार्गों पर आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। सूरतगढ़ बाइपास, नाथांवाला, एसएसबी रोड स्थित गंगनगर पुल, साधुवाली बाइपास सहित अन्य जगह आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। यहां किसानों ने स्टॉल लगाकर शहरवासियों को सब्जियां और दूध बेचा।
यहां-यहां लगाए नाके
किसानों ने शहर के प्रवेश रास्तों पर नाके लगाकर गांवों से शहर में सप्लाई होने आए दूध और सब्जी की सप्लाई को रोका। इसके तहत पदमपुर रोड पर सूरतगढ़ बाइपास, सूरतगढ़ रोड पर पदमपुर बाइपास, नाथांवाला, एसएसबी रोड पर गंगनहर पुल, साधुवाली, तीन पुली रोड, श्रीकरणपुर मिर्जेवाला रोड सहित शहर में प्रवेश कर रही अन्य छोटी सड़कों पर भी किसानों की टोलियां नजर आई।
गुरुद्वारे से आया लंगर
आंदोलनकारी किसानों के लिए गुरुद्वारा सिंह सभा की तरफ से शहर के प्रवेश मार्गों पर लगाए गए नाकों पर लंगर, छाछ, सादा पानी, मीठे पानी और चाय की व्यवस्था की गई। गुरुद्वारे की तरफ से गाडिय़ों की व्यवस्था की गई थी जो सभी नाकों पर जाकर आंदोलनकारियों को इन वस्तुओं की आपूर्ति कर रही थी।