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खजूर व अंजीर की खेती से मालामाल हो रहे किसान

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 28, 2022 04:37:43 am

Submitted by:

yogesh tiiwari

जिले के किसान अब परंपरागत खेती छोड़ नई किस्मों और अधिक मुनाफे वाली खेती पर जोर देने लगे हैं। सउदी अरब जैसे देश में भरपूर मात्रा में होने वाला खजूर श्रीगंगानगर की धरती पर पैदा होने लगा है। इसी तरह यहां अंजीर की खेती भी होने लगी है। हालांकि अंजीर की खेती के लिए सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन नहीं मिल रहा।

खजूर व अंजीर की खेती से मालामाल हो रहे किसान

खजूर व अंजीर की खेती से मालामाल हो रहे किसान

-परंपरागत खेती छोड़ किसान अपनाने लगे नई तकनीक
योगेश तिवाड़ी. श्रीगंगानगर. जिले के किसान अब परंपरागत खेती छोड़ नई किस्मों और अधिक मुनाफे वाली खेती पर जोर देने लगे हैं। सउदी अरब जैसे देश में भरपूर मात्रा में होने वाला खजूर श्रीगंगानगर की धरती पर पैदा होने लगा है। इसी तरह यहां अंजीर की खेती भी होने लगी है। हालांकि अंजीर की खेती के लिए सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन नहीं मिल रहा।
जिले में खजूर की खेती 12 वर्ष से और अंजीर की खेती 3-4 साल से हो रही है। खजूर की खेती के लिए सरकारी स्तर पर अनुदान मिल रहा है जबकि अंजीर प्राइवेट कंपनी के भरोसे है। अच्छी मेहनत करने पर खजूर से एक लाख रुपए और अंजीर से 2 से 3 लाख रुपए प्रति बीघा मुनाफा कमाया जा सकता है।
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रेतीली जगह में लगते हैं खजूर के पेड़
खजूर का प्लांट लगाने के लिए रेतीली जगह उपयुक्त मानी जाती है। ऐसी जगह को किसान जहां ज्यादा अच्छी नहीं मानते वहीं खजूर के लिए यह जमीन मुफीद होने से अच्छा मुनाफा देती है। इस फसल के लिए उद्यान विभाग 2014-15 तक 90 प्रतिशत तक अनुदान देता था। अब अनुदान घटकर 75 फीसदी हो चुका है।
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मांग के अनुरूप नहीं मिल रहे पौधे
किसान 75 प्रतिशत अनुदान पर भी खजूर की खेती करने को तैयार हैं। उद्यान विभाग के पास कई फाइलें लंबित हैं। इसका कारण किसानों के कारण मनमाफिक प्लांट उपलब्ध नहीं हो पाना है।
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अंजीर का हो रहा आधा-अधूरा भुगतान
श्रीगंगानगर जिले के कई खेतों में एक निजी कंपनी ने 280 रुपए प्रति नग के हिसाब पौधे बेच अंजीर की खेती करवाई। खेत में आकर अंजीर खरीदने का भरोसा भी दिलाया परन्तु कंपनी आधा-अधूरा भुगतान कर रही है।
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जितनी मेहनत, उतना फायदा
मैं 2009 से खजूर की खेती कर रहा हूं। लगभग 24 बीघा में यह खेती है। इसमें किसान जितनी मेहनत करता है उतना ही मुनाफा होता है। प्रतिबीघा एक लाख रुपए से अधिक आसानी से कमाए जा सकते हैं। इस खेती की तकनीक सीखने के लिए उसने गुजरात से प्रशिक्षण भी लिया था।
-वीरेन्द्र गिल्हौत्रा, किसान चक 1 बीएसएम,अनूपगढ़
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कंपनी ने धोखा किया, विभाग से मदद नहीं
जिले में चार साल से अंजीर की खेती हो रही है। उन्हें दूसरा साल है। एक प्राइवेट कंपनी जिले में यह खेती करवा रही है। उन्हें 300 रुपए प्रति किलो अंजीर खरीदने का भरोसा दिलाया था। पहले साल आधा भुगतान दिया। अब 100 रुपए प्रति किलो के दाम दिए जा रहे हैं।
-दलीप कुमार, किसान,नेतेवाला
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खजूर के प्रति किसानों का अच्छा रुझान
जिले में 155 हेक्टेयर में खजूर की खेती है। प्रति हेक्टेयर 300 से 350 क्विंटल तक उत्पादन हो जाता है। इस खेती पर विभाग की ओर से 75 प्रतिशत अनुदान देय है। हालांकि अभी खजूर के पर्याप्त मात्रा में प्लांट उपलब्ध नहीं है। अंजीर की खेती भी हो रही है परन्तु यह निजी कंपनी करवा रही है।
-प्रीतिबाला, सहायक निदेशक (उद्यान), श्रीगंगानगर

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