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गंगनहर के सृजक की छत्रछाया में किसान बेमियादी धरने पर

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 26, 2018 10:40:36 am

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Rajaender pal nikka

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protest

गंगनहर के सृजक की छत्रछाया में किसान बेमियादी धरने पर

गंगनहर में पूरे पानी सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन
जिला कलक्टर से किसान संगठनों की वार्ता विफल

श्रीगंगानगर. किसान संगठनों की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की अपील पर मंगलवार को कलक्ट्रेट के पास गंगनहर के सृजक महाराजा गंगासिंह की स्मृति में बने चौक पर इक_े हुए किसान गंगनहर में शेयर का पूरा पानी लेने सहित अन्य मांगों के पूरा होने तक धरना देंगे। किसान नेताओं ने दोपहर में जिला कलक्टर से हुई वार्ता विफल रहने पर बेमियादी धरने की घोषणा की। गंगनहर के किसान डेढ़ साल से भी अधिक समय से शेयर के अनुरूप पानी की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं।
गंगानगर किसान समिति, अखिल भारतीय किसान सभा और किसान संघर्ष समिति की अपील पर गंगनहर क्षेत्र के किसान सरकार के खिलाफ खोले गए मोर्चे में शामिल होने के लिए गंगासिंह चौक पहुंचे।

किसान संगठनों के आंदोलन में कांग्रेसी नेताओं ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई। धरनास्थल पर पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, गंगानगर किसान समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू, संतवीर सिंह मोहनपुरा, कांग्रेस नेता पृथीपाल सिंह संधू, राजकुमार गौड़, अशोक चांडक किसान संघर्ष समिति के सुभाष सहगल व अमरसिंह बिश्नोई तथा अखिल भारतीय किसान सभा के श्योपत मेघवाल सहित अन्य किसान नेताओं की मौजूदगी में हुई सभा में वक्ताओं ने भाजपा सरकार को जमकर कोसा।
लाठीचार्ज की चर्चा
मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा के दौरान सीसी हैड पर किसानों पर किए गए लाठीचार्ज की सभी वक्ताओं ने निंदा की। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होती तो वह सीसी हैड पर रुककर किसानों की समस्याआें को सुनकर उनके समाधान का आश्वासन देती। लेकिन मुख्यमंत्री ने एेसा नहीं करके किसानों पर डंडे बरसाने का हुक्म दिया। खनिज राज्य मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को भी वक्ताओं ने आड़े हाथों लिया और किसानों पर लाठीचार्ज और उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज करवाने का दोषी ठहराया।
वार्ता में नहीं बनी बात
किसान नेताओं की दोपहर में जिला कलक्टर से वार्ता हुई। कलक्टर के कई मांगों पर निर्णय सरकार के स्तर पर होने का कहने पर किसान नेता संतुष्ट नहीं हुए और वार्ता को विफल बताते हुए बाहर आ गए। गंगानगर किसान समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू ने बाद में गंगासिंह चौक पर बैठे किसानों के बीच जाकर मांगें पूरी नहीं होने तक धरना जारी रखने की घोषणा की। सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की घोषणा से पहले गंगानगर किसान समिति ने चार मांगें बताई थी। बदली परिस्थितियों में इसमें कई और मांगें जोड़ी गई हैं।
किसान संगठनों का मांग पत्र
१. गंगनहर को पानी की आपूर्ति करने वाली फिरोजपुर फीडर का निर्माण राज्य सरकार अपने स्तर पर करे।
२. नरमा, कपास और मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद तुरंत प्रभाव से शुरू हो।
३. मूंग, नरमा, कपास और ग्वार की फसलों को पानी और बरसात की कमी से हुए नुकसान का बीमा क्लेम दिलाया जाए।
४. किसानों को बिजाई से पहले चना, गेहूं और जौ आदि का उपचारित बीज दिलाया जाए।
५. गंगनहर का शेयर बढ़ा कर पूरा पानी दिलाया जाए।
६. इंदिरा गांधी नहर के प्रथम चरण की नहरों में चार में से दो समूह चलाए जाएं।
७. भाखड़ा नहर के किसानों को पूरा पानी मिले।
८. बांधों को उनकी क्षमता के अनुसार भरा जाए।
९. गंगनहर के रेग्यूलेशन में गड़बड़ी के लिए कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता प्रदीप रूस्तगी को निलम्बित किया जाए।
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