‘राजस्थान पत्रिका’ ने ‘क्या मोटरसाइकिल और साइकिल पर नहीं जा सकते खेत?’ समाचार दो दिन पहले प्रकाशित कर किसानों एवं खेतीहर मजदूरों से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना के प्रावधान की खामी पर ध्यान आकृष्ट किया था।
इसमें बताया गया था कि एक एच छोटी के दर्शनसिंह की कुछ समय पहले कृषि कार्य के लिए मोटरसाइकिल पर जाने के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। अब परिजनों को आवेदन खारिज करने की आशंका है।कृषि विपणन विभाग की राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना में मृत्यु एवं घायल होने पर सहायता राशि देने का प्रावधान है। इसका बिन्दु संख्या 9 स्पष्ट नहीं है।
इसमें लिखा है कि ‘काश्तकार/खेतीहर मजदूर के कृषि प्रयोजनार्थ ट्रैक्टर, बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी आदि से घर से खेत में जाते/आते दुर्घटना होने पर मृत्यु या अंग-भंग होने पर’ सहायता राशि दी जाएगी। इस प्रावधान के आखिर में ‘आदि’ लिखा है लेकिन स्पष्ट कुछ नहीं है। राज्य में पूर्व में कई मामलों में ट्रैक्टर, बैलगाड़ी एवं ऊंटगाड़ी के अलावा अन्य दूसरे वाहन पर सहायता राशि मंजूर नहीं की गई है। योजना के तहत पात्र आवेदनों में मृत्यु के मामले में आश्रित को दो लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है।
अंग भंग होने पर अलग-अलग मामलों में पांच हजार रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। सहायता राशि स्वीकृत करने के लिए संबंधित मंडी समिति के अध्यक्ष या प्रशासक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई हुई है। मंडी समिति सचिव इसके सदस्य सचिव होते हैं तथा एक सदस्य के रूप में जिला कलक्टर के प्रतिनिधि
होते हैं।
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