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नहरों में जहरीला पानी रोकने की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव

locationश्री गंगानगरPublished: Aug 10, 2019 11:50:34 am

Submitted by:

Krishan chauhan

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नहरों में जहरीला पानी रोकने की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव

जन संघर्ष समिति का प्रदर्शन

नहरों में जहरीला पानी रोकने की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव

अब 31 अगस्त को जिला बंद चेतावनी


श्रीगंगानगर. पंजाब से गंगनहर, आइजीएनपी और भाखड़ा परियोजना में
( Public struggle ) जहरीले पानी की रोकथाम और सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण सहित पांच सूत्री मांगों के लेकर शुक्रवार को गंगासिंह चौक पर महापड़ाव डाला गया। अध्यक्षता किसान नेता हरजीत सिंह लॉटरी ने की। दोपहर डेढ़ बजे जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया। पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल सहित एक कई नेता शामिल हुए। बेनीवाल ने कहा कि पांच सूत्री मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
वार्ता के बाद पड़ाव स्थल पर संघर्ष समिति ने घोषणा करते हुए कहा कि अब 31 अगस्त (istrict closed) को जन संघर्ष समिति की ओर से जिला बन्द आंदोलन करने का निर्णय किया गया है। इसमें जिले भर के बाजार बंद करवाए जाएंगे। पड़ाव को लेकर पुलिस ने कानून व्यवस्था की पुख्ता व्यवस्था की।
पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा कि पंजाब के शहरों का सीवरेज और उद्योगों का जहरीला कैमिकल युक्त पानी बड़े पैमाने पर आ रहा है जबकि जिले के अफसर पानी को शुद्ध बताने में लगे है। पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तो इस पानी को नहाने के लायक नहीं बताया।
समिति के संयोजक श्योपत राम मेघवाल ने (rajasthan patrika news) कहा कि यह महापड़ाव जहरीले पानी के खिलाफ शुरुआत है और जब तक नहरों में जहरीले पानी की स्थाई रोकथाम नहीं होगी आंदोलन रहेगा। किसान (Farmers’) संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में शुद्ध पेयजल के लिए गंभीर नहीं है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी ने कहा कि जलदाय विभाग के ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश फिल्टर प्लांट का रख-रखाव में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
नेताओं की बनती है जिम्मेदारी

अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम गुरचरण सिंह मौड़ ने कहा कि जब नेता नहीं बोले तो जनता की जिम्मेदारी बनती है कि वे संघर्ष के रास्ते सरकारों को ठीक करने का काम करें।
पांच सूत्री मांग पत्र
जहरीले पानी की रोकथाम, ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में शुद्ध पेयजल के प्रबंध, जिला मुख्यालय पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण, फिरोजपुर फीडर व राजस्थान कैनाल के पुनर्निर्माण व भाखड़ा और पौंग डैम का वाटर लेवल बढ़ाकर पूरा सिंचाई पानी उपलब्ध करवाने की मांग की गई। मांग पत्र मुख्यमंत्री व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के नाम जिला कलक्टर को दिया गया।
जहरीले पानी की रोक के लिए संघर्ष

सभा में पूर्व सरपंच पालाराम, रविंद्र तरखान, राकेश ठोलिया, एडवोकेट भूरामल स्वामी, विजय रेवाड़, अमतेंद्र सिंह क्रांति, अमरसिंह बिश्नोई, टिब्बा संघर्ष समिति के संयोजक राकेश विश्नोई, किसान कृष्ण नैण, व्यापारी नेता तरसेम गुप्ता, कृष्ण मील, गंगनहर प्रोजेक्ट के अध्यक्ष समीर सिंह, छात्र संघ अध्यक्ष मनप्रीत हीर, छात्र संघ अध्यक्ष अनिल खीचड़, (sriganganagar hindi news) जमीदारा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष उदयपाल झाझडिय़ा, सुरजीत सिंह कंग, एडवोकेट मनीराम पूनिया, किसान आंदोलन के अनिल गोदारा, रमन रंधावा व जनवादी महिला समिति दुर्गा स्वामी आदि ने कहा कि पंजाब की नहरों से आ रहे जहरीले पानी पर रोक नहीं लगेगी तो इलाके का आम व्यक्ति गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाएगा।
मांग सही है, राज्यस्तर तक भेजा
वार्ता में जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि पंजाब से गंदा पानी आ रहा है। आपकी मांग सही है और इसको राज्य स्तर तक भेज रखा है। इसको बंद करवाने की कार्रवाई की जा रही है। कलक्टर ने कहा कि जलदाय योजना की जांच करवाई जाएगी। जहां पर सही पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है वहां पर व्यवस्था सुधार की हिदायत दी गई। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसई बलराम शर्मा व एक्सइएन (ग्रामीण) डीडी सिंह ने कहा कि पंजाब से आ रहे पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि पानी सही आ रहा है। इस पर पूर्व विधायक ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारी कहते हैं कि पानी पीने के काबिल नहीं। जबकि यहां की रिपोर्ट कुछ अलग कह रही है। पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा भी शामिल हुए।
गांव में बढ़ रहे कैंसर मरीज

मन्नीवाल की सरपंच अंजू यादव ने कहा कि पूरा गांव कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में है। कई लोगों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन और और ना ही चिकित्सा विभाग कोई कदम उठा रहा है।

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