किसान आर्मी के संयोजक मनिंद्रसिंह मान, जय किसान आंदोलन के संयोजक रमन रंधावा, किसान सभा के प्रवक्ता रविन्द्र तरखान, पवन बिश्नोई, रामकुमार सहारण, डॉ. सुरजीत, सिमरजीत वअर्शदीप ने मोहनपुरा, 9 वाई, 6 एफ, कोनी, रोहिडांवाली, मदेरा, फतुही, केसरीसिंहपुर, मिर्जेवाला, मटीलीराठान व कमीनपुरा सहित कई जगह में किसान सभाओं के माध्यम से किसानों से जनसंपर्क किया। किसान आर्मी के संयोजक मान ने कहा कि सरकार किसान की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन किसानों के संघर्ष के आगे मोदी सरकार को झुकना ही होगा। जय किसान आंदोलन के रमन रंधावा ने 18 फरवरी को बड़ी संख्या में किसान महापंचायत में रायसिंहनगर पहुंचने की अपील की।
गंगनहर की नेतवाला हैड से निकलने वाली जीजी नहर में क्षतिपूर्ति सिंचाई पानी देने की मांग लेकर जीकेएस से जुड़े किसानों की गुरुद्वारा सिंह सभा में बैठक हुई। इसके बाद जीकेएस के प्रवक्ता संतवीर सिंह, रामकुमार सहारण, अर्शदीप सिंह, सहाबराम सिहाग, लाभ सिंह, सुरेंद्रसिंह, टेहल सिंह, दलीप सहारण जगमीत सिंह, सतनाम सिंह व बलराज सिंह सहित काफी संख्या में किसान जल संसाधन विभाग अधीक्षण अभियंता प्रदीप रुस्तगी से मिलकर जीजी नहर में क्षपतिपूर्ति सिंचाई पानी बुधवार शाम से सोमवार सुबह तक चलाने की मांग की। किसानों ने कहा कि जीजी नहर को ना भी बैलेंस में चलाया गया और ना कभी क्षतिपूर्ति सिंचाई पानी दिया गया। जबकि जीजी नहर के किसानों की गुरुवार व रविवार को दो-दो बारियां खाली चली गई।
किसान इसके बाद रेगुलेशन कमेटी के अधिशासी अभियंता राजेंद्र सिंह से मिलकर जीजी नहर में क्षतिपूर्ति सिंचाई पानी देेने की मांग की। किसानों ने चेतावनी भी दी है कि यदि बुधवार शाम को नहर बंद की जाती है तो फिर किसान नेतेवाला हैड पर पहुंच जाएंगे। किसानों ने बताया कि अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि गंगनगर में पर्याप्त सिंचाई पानी मिलता है तो दो या तीन नहर चलाने की कोशिश की जाएगी। जबकि गंगनहर में सिंचाई पानी की मात्रा कम हो रही है।