किसानों कहना है कि अब और कोई विकल्प नहीं है। क्योकि यदि जुताई की जाती है तो सरसो पछेती बिजाई ही हो जाएगी। गांव 47 जीबी के पूर्व सरपंच सरबजीत सिंह चहल ने बताया कि कि सरसो की फसल में बरसात का पानी जमा हो गया है। सरसो के पौधे छोटे होने व पक्की जमीन होने के कारण किसानों ने मशक्कत कर खेत से पानी बाहर निकाला। इसके लिए खाळे में पंप लगाए गए। इस तरह घंटों मशक्कत के बाद पानी निकाला गया। वहीं किसान सतविंदर सिंह रामगढिय़ा ने बताया कि सरसों फसल की बिजाई तीन दिन पहले की थी। बरसात से बीज ऊपर आ गया। मजबूरी में बाजार से और बीज लाकर खेत में छिडक़ा है।