वहीं नई धानमण्डी में खुले में पड़े 60 हजार कट्टे बरसात में भींग गए। गेहूं में बदबू आने लगी है। श्रमिकों की ओर से गेहूं से भरे कट्टों को सुखाने के लिए कट्टों को पलटा गया। व्यापारियों की माने तो अभी भी मण्डी में करीब सवा लाख कट्टे पड़े हैं। उठाव कार्य में ओर तेजी आने से समस्या का समाधान हो जाएगा।
-किया निरीक्षण, लिए सैम्पल
एफसीआई के सहायक महाप्रबंधक जोनल शमशेर उलहक, श्रीगंगानगर के गुण नियंत्रक अविनाश, क्षेत्र प्रबंधक लोकेश ब्रह्मभट्ट ने नई धानमण्डी का निरीक्षण किया तथा गुणवता निरीक्षक लोकेश शर्मा से खरीद व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। इस दौरान गेहूं के दो सैम्पल लिए गए। इनकी जांच श्रीगंगानगर की लैब से करवाई जाएगी।
एफसीआई के सहायक महाप्रबंधक जोनल शमशेर उलहक, श्रीगंगानगर के गुण नियंत्रक अविनाश, क्षेत्र प्रबंधक लोकेश ब्रह्मभट्ट ने नई धानमण्डी का निरीक्षण किया तथा गुणवता निरीक्षक लोकेश शर्मा से खरीद व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। इस दौरान गेहूं के दो सैम्पल लिए गए। इनकी जांच श्रीगंगानगर की लैब से करवाई जाएगी।
-बारदाना की मांग
एफसीआई के अधिकारियों से व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीपक भाटिया ने भी मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि हनुमानगढ़ की तर्ज पर गिरदावरी व्यवस्था हो, ताकि किसानों की पूरी फसल की खरीद हो सके। हनुमानगढ़ में प्रति बीघा 16 क्विंटल खरीद हो रही है। जबकि श्रीगंगानगर में प्रति बीघा 11 क्विंटल खरीद हो रही है। इस वजह से क्षेत्र के किसानों को परेशानी हो रही है।
एफसीआई के अधिकारियों से व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीपक भाटिया ने भी मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि हनुमानगढ़ की तर्ज पर गिरदावरी व्यवस्था हो, ताकि किसानों की पूरी फसल की खरीद हो सके। हनुमानगढ़ में प्रति बीघा 16 क्विंटल खरीद हो रही है। जबकि श्रीगंगानगर में प्रति बीघा 11 क्विंटल खरीद हो रही है। इस वजह से क्षेत्र के किसानों को परेशानी हो रही है।
इस व्यवस्था को दुरूस्त करवाया जाए। इस पर एफसीआई के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य राज्य स्तर का है। समाधान भी राज्य सरकार ही कर सकती है। व्यापार मण्डल अध्यक्ष ने एफसीआई से दो लाख कट्टों की ओर मांग की है।