जिला स्थायी लोक अदालत ने यह रोचक निर्णय सुनाया है। अध्यक्ष नरेश चुघ और सदस्यों अजय मेहता व जेपी गौतम की ओर से दिए गए इस निर्णय में नगर परिषद को कार चालक को 2800 रुपए क्लेम राशि, मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज में एक हजार रुपए और परिवाद व्यय के लिए अधिवक्ता की फीस 2200 रुपए कुल छह हजार रुपए चुकाने के आदेश किए है।
राजकीय चिकित्सालय के सरकारी आवास निवासी सुरेन्द्र भंडारी ने नगर परिषद आयुक्त और जिला कलक्टर के खिलाफ परिवाद दायर किया था। इसमें बताया कि वह अपनी कार लेकर 31 जनवरी 2018 को शाम करीब साढ़े पांच बजे चौधरी ब्ल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय से एच ब्लॉक जा रहा था तो एच ब्लॉक में एक प्राइवेट स्कूल के सामने मुख्य नाले के उपर फेरो कवर की लोहे की पत्ती निकली हुई थी, इस लोहे की पत्ती में उसकी कार का टायर जैसे ही लगा तो टायर फट गया।
इस संबंध में उसने नगर परिषद आयुक्त से मिलकर पूरे घटनाक्रम को बताया और शिकायत भी की। इस शिकायत में बताया कि टूटे फेरो कवर के कारण उसकी कार के टायर का नुकसान हुआ है। इस पर आयुक्त ने क्लेम राशि देने की बजाय कुछ भी करो जैसा टका सा जबाव दे दिया।
टूटे फेरो कवर की फोटोग्राफी भी कोर्ट में पेश की गई। परिवादी भंडारी ने टायर फटने से हुए नुकसान पर दस हजार रुपए, अधिवक्ता फीस ग्यारह हजार रुपए और मानसिकपरेशानी के एवज में तीस हजार रुपए कुल 51 हजार रुपए क्लेम राशि दिलाए जाने का अनुतोष मांगा। लेकिन अदालत ने नगर परिषद को दोषी मानते हुए क्लेम राशि छह हजार रुपए चुकाने के आदेश किए।