नियमानुसार पचास लाख रुपए से अधिक बजट की मंजूरी के लिए नगर परिषद बोर्ड की बैठक या डीएलबी से अनुमति लेने का प्रावधान है, ऐसे में परिषद प्रशासन ने बोर्ड की बैठक में दुबारा यह मामला रखने की माथापच्ची से बचने के लिए शॉर्टकट तरीके से जयपुर डीएलबी में फाइल भिजवा दी, लेकिन वहां अधिकारियों ने इस पर निर्णय लेने की हिम्मत नहीं जुटाई। डीएलबी अधिकारियों का कहना था कि फाइल पर स्वायत शासन मंत्री की अनुशंसा के बाद ही मंजूरी दी जाएगी। इधर, नगर परिषद अधिकारियों ने डीएलबी से लगातार संपर्क बनाए रखा है ताकि ठेके की पुष्टि होने के बाद शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जा सके।
इसलिए फंसा ठेके की फाइल का पेच
तीन महीने पहले जब नगर परिषद प्रशासन ने 4 करोड़ 18 लाख रुपए में बाइस वार्डों की सफाई कराने का ठेका करने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इसके लिए परिषद बोर्ड की बजट बैठक में अनुमोदन भी पारित करवा लिया, लेकिन टेण्डर के दौरान गुपचुप तरीके से टेण्डर की राशि 6 करोड़ 40 लाख रुपए खुद ही तय कर ठेका देने की तैयारी कर ली थी। एकाएक सवा दो करोड़ रुपए की राशि बढ़ाए जाने के खिलाफ परिषद उप सभापति अजय दावड़ा और पार्षद अशोक मुंजराल ने डीएलबी में शिकायत कर ठेके को मंजूरी नहीं दिए जाने का आग्रह किया।
डीएलबी ने इस संबंध में जवाब परिषद प्रशासन से मांगा तो जनसंख्या 2011 को आधार बताकर जवाब पेश किया। इससे डीएलबी सतुंष्ट नहीं हुई और ठेका निरस्त कर दिया। पिछले महीने फिर से ऑनलाइन निविदा मांगी गई, इस पर पुरानी ठेका फर्म श्रीश्याम एसोसिएशट्स की सबसे न्यून दर 3 करोड़ 88 लाख 98 हजार 631 रुपए होने पर स्वीकार कर लिया। पार्षद पवन गौड़ ने परिषद के यू टर्न होने की शिकायत फिर डीएलबी में कर दी। गौड़ का कहना था कि जब यह ठेका सवा छह करोड़ से घटकर 3 करोड़ 88 लाख रुपए में तय हो रहा है तो पिछले साल सवा दो करोड़ में इसी ठेका फर्म ने सफाई काम किस आधार पर किया?
इन वार्डों में सफाई रामभरोसे
वार्ड45,46,34,25,26,27,22,04,18,19,24,17,38,39 व 28 कुल सोलह वार्डों में ठेके के कार्मिक सफाई करते हैं, लेकिन ठेका नहीं होने के कारण इन वार्डों में दूसरे वार्डों में जहां स्थायी सफाई कार्मिक काम कर रहे हैं, वहां से बेगार के रूप में सफाई कराने का दावा परिषद प्रशासन करवा रहा है, लेकिन हकीकत में ठेके के इन सोलह वार्डो में सफाई नगण्य है। इधर, डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए किराये के टै्रक्टर ट्रॉली के ठेके अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में कचरा संग्रहण का कार्य भी प्रभािवत हो गया हे।