बरसात के कारण जलमग्न हो चुके इस शहर में ऐसी कोई गली या मार्ग नहीं बचा जहां पानी कम हो। रवीन्द्र पथ, चहल चौक से शिव चौक तक हनुमानगढ़ रोड, गौशाला मार्ग, कोडा चौक से पदमपुर बाइपास तक, पुरानी आबादी ट्रक यूनियन पुलिया रोड, माइक्रोटावर रोड, एसएसबी रोड, गगन पथ, सुखाडिय़ा सर्किल, अधिकांश ब्लॉक एरिया, विनोबा बस्ती, इंदिरा कॉलोनी, गुरुनानक बस्ती आदि इलाके जलमग्न हो गए। बरसात का दूसरा दौर दोपहर ढाई बजे फिर शुरू हुआ और समाचार बनने तक बरसात थमने का नाम नहीं ले रही थी। नगर परिषद प्रशासन के पास बरसात के बाद पानी निकासी से निपटने के इंतजाम नहीं है, पानी निकासी रामभरोसे नजर आई। हालांकि परिषद अफसरों ने गुरुनानक बस्ती के पास और पुरानी आबादी इदगाह के पास पम्पसेट और पानी की मोटरों से पानी निकासी गडढों से सीधे खेतों में कराई जा रही है।
इस बीच पार्षदों ने बताया कि पुरानी आबादी और गुरुनानक बस्ती के गडढें पर पानी की मोटरें बंद मिली, वहीं इन गडढ क्षेत्र से सटे खेत में गंदे पानी डालने के संबंध में काश्तकारों ने इंकार कर दिया। इस संबंध में अधिकारियों को पानी की मोटरें नियमित रूप से चालू रखने और गडढ़ा क्षेत्र से पानी खेतों में डालने के लिए काश्तकारों को पाबंद किया गया है। इधर, नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी गौतमलाल ने बताया कि शहर के कई इलाके से टैंकरों से पानी उठाव किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देर रात तक पानी की निकासी हो जाएगी।
ब्लॉक एरिया और पुरानी आबादी के कई घरों में पानी घुस गया। सडक़ों पर इतना अधिक पानी हो गया कि जैसे ही वहां से कोई चौपहिया वाहन गुजरता तो उसके वेग से पानी का प्रवाह सीधे घरों में जाने लगा। हालांकि कई मकान मालिकों ने अपने घरों में पानी आने के लिए घर के गेट पर मिट्टी से भरे कट्टों का बंधा भी बनाया ताकि पानी घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। सभापति करुणा चांडक के आवास एरिया में भी पानी निकासी नहीं हो पाई। यहां तक कि चांडक के पारिवारिक हनुमानगढ़ रोड फार्म उसके बाहर इतना पानी अधिक था कि वहां एंट्री करना मुश्किल हो गया था।
नगर परिषद का रटरटाया जवाब था कि पानी निकासी के बंदोबस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। सत्तारुढ़ कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने नगर परिषद प्रशासन से पानी निकासी की गुहार लगाने के लिए पुरानी आबादी माइक्रोटावर के पास जाकर अमले को बुलाया लेकिन निराशा हाथ लगी। सभापति, आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी, सफाई निरीक्षक और नाला गैंग प्रभारी ने इन पार्षदों की ओर से किए गए मोबाइल फोन की कॉल तक रिसीव तक नहीं की। वहीं कई जागरूक नागरिकों ने जमकर नगर परिषद और यूआईटी प्रशासन को कोसा।
इस बीच पार्षदों ने बताया कि पुरानी आबादी और गुरुनानक बस्ती के गडढें पर पानी की मोटरें बंद मिली, वहीं इन गडढ क्षेत्र से सटे खेत में गंदे पानी डालने के संबंध में काश्तकारों ने इंकार कर दिया। इस संबंध में अधिकारियों को पानी की मोटरें नियमित रूप से चालू रखने और गडढ़ा क्षेत्र से पानी खेतों में डालने के लिए काश्तकारों को पाबंद किया गया है। इधर, नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी गौतमलाल ने बताया कि शहर के कई इलाके से टैंकरों से पानी उठाव किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देर रात तक पानी की निकासी हो जाएगी।
ब्लॉक एरिया और पुरानी आबादी के कई घरों में पानी घुस गया। सडक़ों पर इतना अधिक पानी हो गया कि जैसे ही वहां से कोई चौपहिया वाहन गुजरता तो उसके वेग से पानी का प्रवाह सीधे घरों में जाने लगा। हालांकि कई मकान मालिकों ने अपने घरों में पानी आने के लिए घर के गेट पर मिट्टी से भरे कट्टों का बंधा भी बनाया ताकि पानी घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। सभापति करुणा चांडक के आवास एरिया में भी पानी निकासी नहीं हो पाई। यहां तक कि चांडक के पारिवारिक हनुमानगढ़ रोड फार्म उसके बाहर इतना पानी अधिक था कि वहां एंट्री करना मुश्किल हो गया था।
नगर परिषद का रटरटाया जवाब था कि पानी निकासी के बंदोबस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। सत्तारुढ़ कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने नगर परिषद प्रशासन से पानी निकासी की गुहार लगाने के लिए पुरानी आबादी माइक्रोटावर के पास जाकर अमले को बुलाया लेकिन निराशा हाथ लगी। सभापति, आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी, सफाई निरीक्षक और नाला गैंग प्रभारी ने इन पार्षदों की ओर से किए गए मोबाइल फोन की कॉल तक रिसीव तक नहीं की। वहीं कई जागरूक नागरिकों ने जमकर नगर परिषद और यूआईटी प्रशासन को कोसा।