कोहरा इतना घना था कि दस कदम दूर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। सुबह-सुबह सडक़ों पर वाहन रेंगते हुए नहर आए। दुर्घटना से बचने के लिए चालकों को हेडलाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े। कोहरे का असर सुबह दस बजे तक बना रहा। उसके बाद यह थोड़ा कम हुआ तभी सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ी। कोहरे के कारण दिल्ली और जयपुर सहित अन्य शहरों से यहां आने वाली लंबी दूरी की बसें देरी से पहुंची। सुबह यहां से जाने वाली बसें भी अपने गंतव्य तक देरी से पहुंची।
मावठ के बाद सर्दी का असर बढ़ा है। मंगलवार को दिनभर लोग ठंड से ठिठुरते रहे। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया या फिर देर तक रजाइयों में दुबके रहे। चिकित्सकों का कहना है कि विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में घर में रहना चाहिए क्योंकि उन्हें सर्दी की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है। कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है, सो बच्चों के मामले में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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असर अभी कई दिन रहेगा————— सर्दी का असर अभी मकर संक्रांति तक रहेगा। इससे पहले राहत के आसार नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मकर संक्रांति से पहले बरसात के भी आसार हैं। उसके बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है। मावठ के कारण फसलों को पर्याप्त पानी मिल चुका है इसलिए पाला मारने जैसी आशंका नहीं है। कोहरे से भी फसलों को फायदा ही होगा।