इस तीन घंटे की समय अवधि में शहर पूरी तरह से लबालब हो गया। गलियों में पानी इतना अधिक हो गया कि वाहन चालक शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए सुरक्षित सड़क को ढूंढते नजर आए। वहीं पैदल चलने वाले राहगीरों की मुश्किलें हुई।
इधर, नगर परिषद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए है। सफाई कर्मियों ने सभापति के पति से कथित मारपीट के मामले में सफाई काम ठप कर दिया। एेसे में पानी निकासी के लिए सफाई कार्मिक डयूटी पर नहीं आए। नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि पानी निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है।
गुरुनानक बस्ती और पुरानी आबादी के गडढें से आसपास खेतों में पानी डलवाने के प्रयास तेज किए है। वहीं ब्लॉक में अधिक जल भराव के कारण आवाजाही ठप हो चुकी है। इस कारण जी ब्लॉक स्थित भगतसिंह पार्क में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को फिर से चालू करवाया गया है। दमकल की गाडियों के माध्यम से जल निकासी के बंदोस्त किए जा रहे है। स्वास्थ्य अधिकारी का दावा है कि शनिवार देर रात मुख्य मार्गो से पानी उतर जाएगा।
सबसे ज्यादा बुरी स्थिति सीवर प्रभावित इलाकों में रही। ठेका कंपनी एलएंडटी ने सड़कों को खोदकर वहां सीवर पाइप लाइनों को बिछाने का काम शुरू कर रखा है। बरसात के कारण वहां कीचड़ पसर चुका है। इधर, कई जगह भवन निर्माण कार्य भी एकाएक थम गए। अधिक बरसात होने के कारण लोगों ने कामकाज ठप करवा दिए है।
उधर, सुखाडि़या सर्किल, गगन पथ, गौशाला मार्ग, रवीन्द्र पथ, लक्कड़मंडी रोड, हनुमानगढ़ रोड, मोटर मार्केट, अग्रसेननगर चौक, दुर्गा मंंदिर एरिया, पुरानी आबादी उदाराम चौक, टावर रोड, तुलसी मार्ग, राधेश्याम कोठी रोड एरिया में सबसे ज्यादा जल भराव रहा।
इन एरिया में पानी निकासी नहीं होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। यहां तक कि अस्थायी दुकानदारों की दुकानें भी बंद हो गई। इधर, बीरबल चौक के पास सब्जी मंडी में एकाएक सन्नाटा पसर गया। पानी अधिक होने के कारण वहां खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है।