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लॉक डाउन में अब चार सौ पशुओं को पकड़ा

locationश्री गंगानगरPublished: Apr 08, 2020 12:58:24 am

Submitted by:

surender ojha

Four hundred animals now caught in lock downनिराश्रित घूम रहे पशुओं को पकडकऱ रामलीला मैदान में रखा गया।

लॉक डाउन में अब चार सौ पशुओं को पकड़ा,

लॉक डाउन में अब चार सौ पशुओं को पकड़ा,

श्रीगंगानगर. सुखाडिया सर्किल और ब्लॉक एरिया में निराश्रित घूम रहे चालीस पशुओं को पकडकऱ रामलीला मैदान में रखा गया। इसके बाद वहां से इन पशुओं को गणेशगढ़ स्थित गौशाला में भिजवाया गया।

स्वास्थ्य अधिकारी गौतमलाल ने बताया कि कैटल फ्री सिटी मुहिम के तहत अब ऐसे पशुओं की धरपकड़ की जा रही है जो यातायात में बाधा बन चुके है।
लॉक डाउन में वैसे भी निराश्रित पशुओं को खाने को कम मिल रहा है। लोग घरों में है, वहीं हरे टाल की दुकानें भी बंद है, ऐसे में इन पशुओं को अब नगर परिषद पकडकर गौशालाओं में भिजवाने में लगी है। अब तक करीब सवा चार सौ आवारा पशुआं को पकडा जा चुका है।
इस बीच गौवंश को भरण-पोषण के लिए सहायता राशि दिए जाने के लिए पशुपालन विभाग निदेशालय ने जिलेवार बजट राशि का आवंटित की गई है तथा जिलों को बजट आवंटित हो चुका है।
पशु पालन विभाग के निदेशक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019 के द्वितीय चरण की सहायता राशि के लिए करवाए गए सर्वे के बाद पात्र गौशालाओं, कांजी हाउस की सूचना निदेशालय को भिजवाई गई है। जिला संयुक्त निदेशक एवं उप निदेशक गौशालाओं में जाकर निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस निरीक्षण में तय किया जाएगा कि किसी भी अपात्र गौशाला को सहायता राशि किसी भी स्थिति में स्वीकृत नही की जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर गौशालाओं में संधारित गौवंश के संरक्षण के लिए प्रत्येक पात्र गौशाला को सर्वे में प्राप्त गौवंश संख्या के आधार पर कुल 90 दिवस में से 30 दिवस की राशि बिल प्राप्त किए बिना दी जाएगी, इसके लिए बजट का आवंटन किया जा चुका है।
जिला स्तरीय गोपालन समिति अथवा जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्ष से प्रस्तावों का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा तथा उसके बाद प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जाएगी। निर्धारित समय अवधि या इससे पूर्व आकस्मिक निरीक्षण का कार्य पूर्ण करवा कर रिपोर्ट निदेशालय को भेजनी होगी जिसके बाद शेष राशि के भुगतान के लिए बजट का आवंटन किया जाएगा। सहायता राशि हेतु जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप सर्वे, संयुक्त भौतिक सत्यापन में प्राप्त ओवन संख्या तथा आकस्मिक निरीक्षण में प्राप्त गौवंश संख्या में से, जो भी कम हो उसके आधार पर 90 दिवस की गणना की जाएगी।
उस गणना में से गौशाला द्वारा प्रस्तुत बिलों के आधार पर प्राप्त राशि में से 30 दिवस की राशि को समायोजित करते हुए शेष राशि गौशाला संस्था को नियमानुसार दी जाने की कार्यवाही करनी होगी। जिन जिलों की आकस्मिक निरीक्षण की रिपोर्ट निदेशालय को 31 मार्च को प्राप्त हो चुकी थी उनको 90 दिवस की बजट राशि का आवंटन किया गया है। वे जिले नियमानुसार प्रक्रियाओं का पालन करते हुए भुगतान की कार्यवाही कराएंगे। इसके साथ ही जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति की सूचना निदेशालय गोपालन को आवश्यक रूप से भिजवाई जाएगी, साथ ही वित्तीय स्वीकृति की एक प्रति निर्धारित प्रारूप में महालेखाकार कार्यालय को भिजवाया जाना सुनिश्चित करना होगा।
इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही व जारी दिशा निर्देश का उल्लंघन नही हो इसका समस्त ध्यान रखा जाएगा। अनुदानित गौशाला के प्रबंधन को यह सख्त हिदायत दी गई है कि गौशाला के टैगशुदा गौवंश सडक़ों पर विचरण नही करें अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। अनुदान वितरण से पूर्व सभी पात्र गौशालाओं से गत वर्ष का अंकेक्षण प्रतिवेदन प्राप्त किया जाए, अंकेक्षण प्रतिवेदन के बिना अनुदान नही दिया जाएगा। गौशाला संस्था से गत वर्ष की सहायता राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्रा प्राप्त किए बिना अनुदान नही दिया जाएगा। आवंटित बजट राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्रा निर्धारित प्रारूप में निदेशालय गोपालन को अवश्य भिजवा दिया जाए।
इस संबंध में सभी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि पारदर्शिता के साथ नियमानुसार एवं दिशा निर्देशानुसार सहायता राशि पात्रा गौशाला, कांजी हाउस को स्वीकृत एवं आवंटित की जा सके।

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