वहां एडीएम प्रशासन को ज्ञापन लेने के लिए बाहर बुलाने का आग्रह किया। लेकिन एडीएम नहीं आए तो वकीलों ने उनके चैम्बर में घुसने का प्रयास किया तो वहां तैनात पुलिस कर्मियों से धक्का मुक्की की।
इस दौरान वकीलों ने एडीएम प्रशासन का पुतला लाकर वहां जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। इनके उपरांत बार संघ की आमसभा में एडीएम प्रशासन कोर्ट का बेमियादी बहिष्कार कर उनको एपीओ किए जाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया।
इस आंदोलन से कोर्ट परिसर और कलक्ट्रेट में वसीकानवीस और अराजनवीस ने भी समर्थन करते हुए कामकाज ठप रखा। इस कारण दोनों कैम्पस में सुबह से दोपहर तक सन्नाटा पसरा रहा। बार संघ अध्यक्ष सीताराम बिश्नोई ने बताया कि पूरे जिले में दृषित पानी की समस्या को लेकर अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का बहिष्कार सहयोग किया है। इस मुददे पर अब सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक आदि संगठनों का सहयोग लेकर जागरूकता की मुहिम चलाएंगे। यह मामला गंभीर है।
इसके लिए सामूहिक प्रयासों से समस्या का समाधान हो सकेगा। इससे पहले कोर्ट परिसर और बार संघ सभागार में हुई बैठक के दौरान बार संघ के पूर्व अध्यक्ष चरणदास कम्बोज, जसवीर सिंह मिशन, पूर्व सचिव जिन्द्रपाल सिंह भाटिया जौली, जितेन्द्र बैरच, विपिन सिद्ध, ओम रावल, विक्रम गोदारा आदि मौजूद थे।