एकेडमी के स्टाफ का उपयोग
जिला खेलकूद प्रशिक्षण केंद्र परिसर में ही टेबल टेनिस हॉल में एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय एकेडमी चल रही है। इस एकेडमी को एक लिपिकीय स्टाफ और चौकीदार उपलब्ध है।
ऐसे में जरूरत पडऩे पर एकेडमी के लिपिकीय स्टाफ का ही जिला खेलकूद प्रशिक्षण केंद्र के लिए उपयोग कर लिया जाता है। वहीं गेम्स ब्वाय नहीं होने से कई बार लाइनिंग आदि के लिए खिलाडिय़ों को स्वयं ही प्रयास करने पड़ते हैं। जिला खेल अधिकारी यादव बताते हैं कि केंद्र में स्टाफ की कमी से परेशानी आती है।
कार्यालय में अधिकांश लिपिकीय कार्य निपटाने उन्हें कई बार स्वयं प्रयास करना पड़ता है। इसके साथ ही एकेडमी का स्टाफ भी उनके लिए कई बार उपयोगी साबित होता है। कार्यालय में पूर्व में उपलब्ध कम्प्यूटर चोरी हो गया था। इसे तो अब उपलब्ध करवाने के निर्देश तो जिला कलक्टर ने दे दिए हैं लेकिन यह मिल भी जाएगा तो इसे चलाने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यालय के पास उपलब्ध
नहीं है।
मूल पद कोच, दो जिलों का कार्यभार
श्रीगंगानगर में जिला खेल अधिकारी का काम देख रहे उम्मेदङ्क्षसह यादव मूल रूप से प्रशिक्षक हैं, लेकिन उनके पास श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ दोनों जिलों का कार्यभार है। वे बताते हैं कि श्रीगंगानगर कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसी कोई व्यवस्था नहीं है, वहीं लिपिकीय कार्य के लिए भी उपलब्ध व्यक्ति हाल ही में इस पद पर पदोन्नत हैं, ऐसे में अधिकांश कार्य के लिए स्वयं ही प्रयास करना पड़ता है।