scriptगंगकैनाल: सिंचाई पानी का लॉसेज बढकऱ 1700 क्यूसेक तक हुआ, कैसे चलेगी नहरें | Gangakanal: irrigation water loss increased to 1700 cusecs, how canals | Patrika News

गंगकैनाल: सिंचाई पानी का लॉसेज बढकऱ 1700 क्यूसेक तक हुआ, कैसे चलेगी नहरें

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 28, 2020 10:41:49 am

Submitted by:

Krishan chauhan

-इलाके की लाइफ लाइन बीकानेर कैनाल की 45 आरडी से 368.500 आरडी तक नहीं हुई सफाई

गंगकैनाल: सिंचाई पानी का लॉसेज बढकऱ 1700 क्यूसेक तक हुआ, कैसे चलेगी नहरें

गंगकैनाल: सिंचाई पानी का लॉसेज बढकऱ 1700 क्यूसेक तक हुआ, कैसे चलेगी नहरें

गंगकैनाल: सिंचाई पानी का लॉसेज बढकऱ 1700 क्यूसेक तक हुआ, कैसे चलेगी नहरें

-इलाके की लाइफ लाइन बीकानेर कैनाल की 45 आरडी से 368.500 आरडी तक नहीं हुई सफाई

पत्रिका पड़ताल–श्रीगंगानगर. इलाके की जीवनदायनी कहीं जाने वाली बीकानेर कैनाल 45 आरडी से 368.500 आरडी की पिछले छह साल से साफ-सफाई नहीं हुई। इस कारण नहर के दोनों साइडों में बड़े-बड़े बर्म बने हुए हैं। इस कारण नहर में पानी का प्रवाह कम बना हुआ है। फिरोजपुर फीडर से आगे 45 आरडी बाल्लेवाला हैड पर सोमवार शाम को 2772 क्यूसेक पानी बीकानेर कैनाल को मिल रहा था। जबकि खखाहैड पर 2027 क्यूसेक सिंचाई पानी पहुंच रहा था। इस बीच 745 क्यूसेक पानी लॉसेज में चला गया। अब गंगकैनाल में 2027 क्यूसेक सिंचाई पानी में 350 क्यूसेक में पीएचडी का पानी, शुगर मिल का 50 क्यूसेक पानी व अन्य अतिरिक्त पाइपों के कारण पानी लॉसेज हो रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गंगकैनाल की नहरें 20 से 25 प्रतिशत अतिरिक्त सिंचाई पानी ले रही है तब टेल पर 10 से 12 हिस्से सिंचाई पानी पूरा हो रहा है। अतिरिक्त पानी से करीब 600 क्यूसेक सिंचाई पानी चला जाता है। इस प्रकार 2772 क्यूसेक सिंचाई पानी में 1695 क्यूसेक सिंचाई पानी लॉसेज आदि में चला जा रहा है। नहरों में सिंचाई के लिए शेष पानी 1077 क्यूसेक सिंचाई पानी में सभी नहरों में एक बारी छोडकऱ सिंचाई पानी मिलना मुश्किल है। इसी कारण रबी की बुवाई में किसानों की दो-दो बारियां सूखी जा रही है।
पानी की बचत होनी चाहिए
गंगकैनाल की नहरों का कुछ वर्ष पहले ही नए डिजाइन के अनुसार निर्माण कार्य हुआ है। पहले कच्ची नहरें थी तब पानी का लॉसेज ज्यादा होता था जबकि अब तो नहरें पक्की बन गई है। इसके बावजूद भी पानी का लॉसेज कम होने की बजाए बढ़ रहा है।
क्यूं ले रही नहरें अतिरिक्त सिंचाई पानी
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि गंगकैनाल की नहरें जिस डिजाइन के अनुसार बनी हुई है। इनके हिसाब से बीस से 25 प्रतिशत अतिरिक्त सिंचाई पानी छोडऩे पर टेल पर 12 हिस्से पानी पहुंच रहा है। जबकि नहरों की टेल पर दस हिस्से सिंचाई पानी मिलना चाहिए। रेगुलेशन की मीटिंगों में मुद्दा उठता रहा है कि टेल पर निर्धारित मात्रा में सिंचाई पानी नहीं पहुंच रहा है। इस कारण कुछ नहरों की टेल पिट रही है। जबकि कुछ नहरों में दस की जगह 15 हिस्से से अधिक सिंचाई पानी ले रही है।
-क्यों बढ़ रहा लॉसेज
-फिरोजपुर फीडर से आगे 45 आरडी से 368 आरडी तक नहर की साफ-सफाई नहीं हुई।
-बीकानेर कैनाल में नहर की दोनों साइड में पंजाब क्षेत्र के किसान मोटर व पंप आदि लगाकर पानी चोरी करते हैं।
-गंगकैनाल में सिंचाई पानी वितरण का सिस्टम सही नहीं है।
-नहरों के कई मोघे बड़े हैं,पाइप का साइज कम का मंजूर है जबकि पानी ज्यादा ले रही है।

सिंचाई पानी, लॉसेज व शेष रहा पानी का गणित
-45 आरडी बाल्लेवाला हैड पर पानी मिल रहा है-2772 क्यूसेक
-बीकानेर कैनाल से खखा हैड पर पानी मिल रहा है-2027 क्यूसेक
-खखा हैड तक लॉसेज हुआ पानी -745 क्यूसेक

-गंगकैनाल में पीएचडी, शुगर मिल व अतिरिक्त पाइप आदि का लॉसेज-350 क्यूसेक
-गंगकैनाल में नहरें 20 से 25 प्रतिशत अतिरिक्त पानी लेने से लॉसेज हुआ -600 क्यूसेक
-सिंचाई पानी 45 आरडी से मिला 2772 क्यूसेक इसमें लॉसेज में चला गया -1695 क्यूसेक
-जल संसाधन विभाग के पास नहरों में पानी शेष बचा -1077 क्यूसेक बीकानेर कैनाल की अप्रेल 2013 के बाद सफाई नहीं हुई। जल संसाधन विभाग ज्यादा पानी ले रहे मोघे दुरुस्त क्यों नहीं कर रही है। पानी की पाइप लाइनें कई जगह मंजूर कम है जबकि पानी ज्यादा ले रही है। विभाग की लापरवाही से किसानों को सिंचाई पानी पूरा नहीं मिल रहा है।
सुभाष सहगल, प्रवक्ता, किसान संघर्ष समिति,श्रीगंगानगर।

गंगकैनाल में लॉसेज की मात्रा पहले की तुलना में बढ़ी है। इसका मुख्य कारण नहर की साफ-सफाई नहीं होना और यहां की नहरों में अतिरिक्त सिंचाई पानी छोडऩा भी है।
रणजीत सिंह,अधिशासी अभियंता(रेगुलेशन)जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर। गंगकैनाल की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से 45आरडी से खखा हैड तक 750 क्यूसेक पानी लॉसेज हो रहा है। इसके अलावा 350 क्यूसेक पीएचडी व अन्य सहित अन्य लॉसेज भी हो रहा है।
प्रदीप रुस्तगी,अधीक्षण अभियंता,जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर।

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