गंगानगरी किन्नू अपनी बेहतर गुणवत्ता के कारण विदेशों में निर्यात किया जाता है। प्रदेश में सबसे ज्यादा किन्नू की बागवानी श्रीगंगानगर जिले में होती है। जबकि यहां का वातावरण व मिट्टी की तासीर नींबू वर्गीय इस फल की बागवानी के लिहाज से मुफीद है। इस कारण गंगानगरी किन्नू श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, आस्ट्रेलिया, कोयम्बूटर, बेंगलूर, मद्रास, कालीकट, पटना, कोलकता, विशाखापट्टनम, हैदराबाद, मुम्बई व पुणे की मंडियों में सप्लाई किया जाता है।
-बागवानी को मिलेगा बढ़ावा -किन्नू बढ़ाएगा रोजगार के अवसर
-इस बार किन्नू के भावों में रहेंगी तेजी वर्ष,क्षेत्रफल व उत्पादन मीट्रिक टन में हैं। वर्ष क्षेत्रफल उत्पादन
2016-17 10228 260000
2018-19 10781 280000 2019-20 10920 285000
2020-21 11071 380000 2021-21 11174 152000 -किन्नू बागवानी का क्षेत्रफल-11,174
हेक्टेयर-किन्नू का उत्पादन-1,52,000 मीट्रिक टन -ड्रिप फलों पर किन्नू का क्षेत्रफल-8401 हैक्टेयर
-फल अवस्था पर क्षेत्रफल-10034 हैक्टेयर
किन्नू स्पेशल ट्रेन श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन से 30 दिसंबर को 15 बोगी की 345 मीट्रिक टन किन्नू लेकर रवाना होगी। व्यापारियों को 50 प्रतिशत किराया में छूट भी मिलेगी। श्रीगंगानगर से 1900 किमी गाड़ी सफर कर 40 घंटे में किन्नू पहुंचा देगी। इस संबंध में रेलवे ने पहले ही अनुमति जारी कर दी गई थी लेकिन सोमवार को इसकी तारीख भी तय कर दी गई। इसका व्यापारियों व रेलवे दोनों को भी अच्छा लाभ मिलेगा।